Heart Of Mars के नाम से जाना जाएगा यह स्पेस मिशन

लॉस एंजिल्स (PTI): नासा के मुताबिक मार्स की आंतरिक संरचना, आर्कीटेक्चर, वहां भूंकप की स्थिति और वहां के धरातल के नीचे मौजूद गर्मी के बारे में गहराई से जानने के लिए वो यह पहला मिशन लॉन्च कर रहा है। अब तक अधिकांश अमेरिकी मिशन देश के पूर्वी तट पर मौजूद फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होते हैं, लेकिन यह मार्स मिशन अमेरिका के पश्चिमी तट से लॉन्च होगा। यह मिशन 5 मई को कैलिफोर्निया में वेंडेनबर्ग एयरफोर्स बेस से भारतीय समयानुसार 4 बजे लॉन्च होने की उम्मीद है। नासा के इस मिशन स्पेसक्राफ्ट में एक सिस्मोमीटर लगाया गया है, जो मार्स की जमीन के भीतर किसी भी तरह की हलचल और गर्मी के प्रवाह को जान सकेगा। इसके अलावा यह स्पेसक्राफ्ट मार्स के


United Launch Alliance के रॉकेट से लॉन्च होगा यह मिशन

बता दें नासा का यह लॉन्च पूरी तरह से United Launch Alliance और उसके द्वारा बनाए गए पावरफुल रॉकेट पर निर्भर करेगा। दरअसल यूनाइटेड लॉन्च एलायंस वर्ल्ड फेमस कंपनी Lockheed Martin Space Systems और Boeing Defense, Space & Security की ज्वाइंट वेंचर है, जो स्पेस लॉन्च वेहिकल बनाने में एक्सपर्ट है। इस कंपनी द्वारा बनाया गया Atlas V 401 लॉन्च वेहिकल 3.8 मिलियन न्यूटन पावर यानि र्थस्ट जनरेट करेगा। तभी तो नासा का यह मार्स मिशन ठीक से लॉन्च हो पाएगा।

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इस मार्स मिशन का लॉन्च है बहुत मुश्किल 5 मई से लेकर 8 जून के बीच होगा लॉन्च

नासा के मुताबिक उसके इस मार्स मिशन का लॉन्च ही अपने आप में काफी जटिल है। Atlas V 401 लॉन्च वेहिकल द्वारा धरती से लॉन्च होने के बाद इस स्पेस प्रोब को मंगल तक पहुंचने के लिए कई लेवल पर जबरदस्त र्थस्ट पावर की जरूरत होगी। नासा के लॉन्च डायरेक्टर Tim Dunn ने बताया है कि लॉन्च के 2 मिनट 36 सेकेंड बाद जब प्रोब धरती से 106 - 296 किलोमीटर के बीच होगा, तब लॉन्च वेहिकल का पहला चरण पूरा हो जाएगा। लान्च के करीब 1 घंटे 19 मिनट बाद लॉन्च रॉकेट एक बार फिर पूरी ताकत से जलेगा और इनसाइट प्रोब को मार्स के वातावरण में एंट्री करने के लिए जरूरी ताकत के साथ पुश करेगा।

 

26 नवंबर को मार्स पर लैंड करेगा नासा का स्पेस प्रोब

अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक ठीक चला तो नासा का यह इनसाइट प्रोब 26 नवंबर 2018 को मार्स की सतह पर लैंड हो जाएगा। नासा का इनसाइट प्रोब अपनी 6 महीने की स्पेस जर्नी के बाद मार्स में पहुंचेगा और फिर पैराशूट की मदद से इसकी सतह पर लैंड करेगा।

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