जहां एक ओर कई पूर्व खिलाड़ियों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा है कि ये टिप्पणी पूरी तरह बेबुनियाद है और वो इस मामले की जांच करेंगे।

बुधवार को भारत और इंग्लैड के बीच खेले गए 20-ट्वेंटी मैच के दौरान हुसैन द्वारा भारतीय फील्डरों पर गई इस टिप्पणी के जवावब में बीसीसीआई के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा है कि खिलाड़ियों के बारे में बात करते हुए किसी को भी मर्यादा की सीमा नहीं लांघनी चाहिए और किसी भी कंमेंटटेटर को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

'माफ़ी मांगनी चाहिए'

पूर्व भारतीय स्किपर मुहम्मद अज़हरुद्दीन ने भी इस टिप्पणी पर आपत्ति ज़ाहिर करते हुए कहा है कि नासिर हुसैन को माफ़ी मांगनी चाहिए।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अज़हरुद्दीन के हवाले से बताया, ''मुझे लगता है कि नासिर को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। वो खुद एक कप्तान रह चुके हैं और उन्हें तुरंत माफ़ी मांगनी चाहिए। कमेंट्री करने के बहुत तरीके होते हैं लेकिन खिलाड़ियों को ‘गधा’ कहना सरासर गलत है.''

भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ अंशुमन गायकवाड ने कहा कि नासिर को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि उन्हें उस मुकाम तक पहुंचने के लिए जिस पर वो आज हैं लगभग 20 साल लग गए।

गायकवाड ने कहा कि नासिर को देखना चाहिए कि जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी उस समय वो कहां थे और जब उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा तब वो कहां थे।

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