- अय्यूब खां चौराहे पर आम आवाज संस्था रैली निकालकर गाएंगे राष्ट्रगान

- सैटरडे को दरगाह आला हजरत से उप्र सरकार के फैसले का हुआ है विरोध

BAREILLY:

शहर इमाम मौलाना असजद रजा खां ने 15 अगस्त को मदरसों में राष्ट्रगान नहीं गाने का फरमान सुनाया था। जिसके जरिए उप्र सरकार के फैसले का विरोध शुरू होने की चर्चा दिन भर शहरवासियों में चलती रही। हर कौम के रहनुमाओं ने राष्ट्रगान गाने के रोक के फैसले को गलत ठहराया है। तो दूसरी ओर आम आवाज संस्था की ओर से इस फैसले का खुलकर विरोध करेगी। संस्था के पदाधिकारियों के मुताबिक वह 15 अगस्त को रैली निकालेंगे, जिसके जरिए वह हिन्दू और सिखों को मोहब्बत के फूल और राष्ट्रीय ध्वज भेंट करने के बाद राष्ट्रगान गाएंगे।

बचपन से गा रहे हैं राष्ट्रगान

आम आवाज संस्था के अध्यक्ष सैय्यद शारिक अली ने बताया कि रैली के बाद अय्यूब खां चौराहा पर पहुंचकर सभी एकसुर में राष्ट्रगान गाकर देश की अखंडता और एकता की मिसाल पेश करेंगे। कहा कि राष्ट्रगान कोई कैसे मना कर सकता है क्योंकि बचपन से ही राष्ट्रगान गाते चले आ रहे हैं। इसके अलावा यदि कहीं आज भी राष्ट्रगान की आवाज आती है तो वह खड़े होकर उसका सम्मान करते हैं, जो लोग इसे गाने से मना कर रहे हैं यह उनका अपना व्यक्तिगत मामला हो सकता है। उनकी इस बात का समर्थन दानिश अली, मोहम्मद हसीब, नईम खान, शाहिद खां, फराज, फाहीमा यासमीन, खुर्रम परवेज, आरिफ खान व अन्य ने किया है।

निर्देश का हुआ विरोध

ताजुशरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां के पुत्र और शहर इमाम मौलाना असजद रजा खां ने राष्ट्रगान न पढ़ने का ऐलान किया है। जबकि एक दिन पहले ही सरकार ने मदरसों में ध्वजारोहण, राष्ट्रगान पढ़ने और सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाने के निर्देश दिए थे। उनका कहना है कि सरकार मुसलमानों की देशभक्ति को शक की नजर से देख रही है। ऐसे में उन्होंने राष्ट्रगान की बजाय सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां गाने के निर्देश दिए।