नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-4) के 2015-16 के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहले चरण के सर्वे में जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण पर जानकारी मिलने के अलावा महिला सशक्तिकरण के प्रगतिशील संकेत देखे गए। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, महिलाओं की अपनी संपत्ति और गर्भवती महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा जैसी चीजों पर देश में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने के लिए इस समय कुछ नए घटकों को जोड़ा गया है। सर्वे में महिलाओं के उत्थान में सकारात्मक प्रगति पाई गई. 

टॉप पर बिहार 
सर्वे में बिहार शीर्ष पर कायम है, जहां 58.8 परसेंट महिलाओं की अपनी संपत्ति है। इसके बाद दूसरे स्थान पर मेघालय और त्रिपुरा हैं, जहां 57.3 परसेंट महिलाओं के नाम संपत्ति है। कर्नाटक में इनकी संख्या 51.8 परसेंट और तेलंगाना में 50.5 परसेंट है। सर्वे में मातृत्व और बच्चों की सेहत और पोषण के मामले में भी महिलाओं के दखल में बढ़ोतरी का दावा किया गया है.


घरेलू फैसलों में बढ़ा महिलाओं का महत्व 

घरेलू फैसलों में भी देश भर में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। इसके तहत 75 परसेंट विवाहित महिलाएं घरेलू फैसलों में हिस्सा लेती हैं। राज्यों में इसकी स्थिति कुछ इस प्रकार है

प्रदेश हिस्सेदारी 2005 2006 

पश्चिम बंगाल 89.9 70.2 
उत्तराखंड 89.8 71.5 
त्रिपुरा 91.7 77.9 
सिक्किम 95.3 93.6 
मेघालय 91.4 90.4 
मध्य प्रदेश 82.8 68.5 
कर्नाटक 80.4 68.6 
गोवा 93.8 91.1 
बिहार 75.2 69.2 
नोट: आंकड़े परसेंट में हैं.

कहां कितनी हिस्सेदारी? 
Bihar        58.8%
Meghalaya 57.3%
Tripura 57.3% 
Karnataka 51.8% 
Telangana 50.5%

 

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-4) के 2015-16 के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहले चरण के सर्वे में जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण पर जानकारी मिलने के अलावा महिला सशक्तिकरण के प्रगतिशील संकेत देखे गए। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, महिलाओं की अपनी संपत्ति और गर्भवती महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा जैसी चीजों पर देश में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने के लिए इस समय कुछ नए घटकों को जोड़ा गया है। सर्वे में महिलाओं के उत्थान में सकारात्मक प्रगति पाई गई. 

 

टॉप पर बिहार 

सर्वे में बिहार शीर्ष पर कायम है, जहां 58.8 परसेंट महिलाओं की अपनी संपत्ति है। इसके बाद दूसरे स्थान पर मेघालय और त्रिपुरा हैं, जहां 57.3 परसेंट महिलाओं के नाम संपत्ति है। कर्नाटक में इनकी संख्या 51.8 परसेंट और तेलंगाना में 50.5 परसेंट है। सर्वे में मातृत्व और बच्चों की सेहत और पोषण के मामले में भी महिलाओं के दखल में बढ़ोतरी का दावा किया गया है।

 

 

घरेलू फैसलों में बढ़ा महिलाओं का महत्व 

 

घरेलू फैसलों में भी देश भर में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। इसके तहत 75 परसेंट विवाहित महिलाएं घरेलू फैसलों में हिस्सा लेती हैं। राज्यों में इसकी स्थिति कुछ इस प्रकार है

 

प्रदेश हिस्सेदारी 2005 2006 

पश्चिम बंगाल 89.9 70.2 

उत्तराखंड 89.8 71.5 

त्रिपुरा 91.7 77.9 

सिक्किम 95.3 93.6 

मेघालय 91.4 90.4 

मध्य प्रदेश 82.8 68.5 

कर्नाटक 80.4 68.6 

गोवा 93.8 91.1 

बिहार 75.2 69.2 

नोट: आंकड़े परसेंट में हैं।

 

कहां कितनी हिस्सेदारी? 

Bihar        58.8%

Meghalaya 57.3%

Tripura 57.3% 

Karnataka 51.8% 

Telangana 50.5%