RANCHI:झारखंड के लिए सोमवार गोल्डेन मंडे साबित हुआ। केरल में आयोजित 35वें नेशनल गेम्स के कई इवेंट्स में इस दिन खिलाडि़यों ने सीजन का सबसे बेहतर प्रदर्शन कर कुल आठ मेडल हासिल कर राज्य का गौरव बढ़ाया। आर्चरी टीम ओवरऑल चैंपियन तो रही ही, साथ ही एक गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया। वहीं, टीम की प्लेयर्स ने सिंगल और डबल मिक्स्ड इवेंट्स में भी दो गोल्ड मेडल्स अपने नाम किया। इतना ही नहीं, लॉन बॉल टीम भी एक गोल्ड मेडल राज्य की झोली में डालने में कामयाब रही। इसके अलावा दो सिल्वर और दो ब्रोंज मेडल भी झारखंड के खिलाडि़यों ने हासिल किया।

आर्चरी टीम ओवर ऑल चैंपियन, प्लेयर्स ने भी जीते दो गोल्ड

केरल में चल रहे 35वें नेशनल गेम्स में सोमवार को आर्चरी की वीमेंस टीम ने कमाल कर दिखाया है। आर्चरी की टीम ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इस टीम में लक्ष्मी रानी, रीना कुमारी, दीपिका कुमारी और रिमिल बारूली शामिल हैं। वहीं सिंगल रिकर्व इवेंट में जमशेदपुर की लक्ष्मी को गोल्ड मेडल मिला है। इसके अलावा दीपिका और जयंत तालुकदार ने भी रिकर्व के डबल मिक्स में एक गोल्ड मेडल जीता है।

आर्चरी गुरु ने भी दिखाया टैलेंट

मोरहाबादी के साई सेंटर में प्लेयर्स को आर्चरी की ट्रेनिंग देने वाली और पूर्व ओलंपियन रीना कस टीम इवेंट में गोल्ड मेडल दिलाने में बड़ा योगदान है। इसके लिए पहले वह अपनी टीम को लय में लाई और फिर उसे गोल्ड मेडल दिलाया। रामगढ़ की रहने वाली रीना का कहना है कि मुझे यहां तक पहुंचने के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ा। टाटा में पिता इलेक्ट्रीशियन थे, लेकिन उन्होंने मुझे खेलने से कभी नहीं रोका। लेकिन, यहां तक पहुंचने में मुझे सरकार से भी कोई सपोर्ट नहीं मिल पाया।

व‌र्ल्ड चैंपियन बनना चाहती है रिमली

टीम की एक प्लेयर रिमली बिरूली जमशेदपुर की रहने वाली हैं। पांच भाई बहनों मे सबसे बड़ी हैं और स्कूल के टाइम से ही आर्चरी की प्रैक्टिस कर रही हैं। इनका कहना है कि पहली बार नेशनल गेम्स में खेलने का मौका मिला है। काफी मुश्किलों से यहां तक पहुंची हूं और व‌र्ल्ड चैंपियन बनने की चाहत है।

सिंगल में जीता पहला सोना

लक्ष्मी रानी जमशेदपुर की रहने वाली है। इनके पापा डीरू मांझी माइंस में काम करते हैं। शुरुआती दौर में आर्चरी की प्रैक्टिस करने में परेशानी तो हुई, लेकिन स्कूल के सहयोग से मुझे कभी भी खेलने में परेशानी नहीं हुई। इसके बाद प्रदर्शन बेहतर होता गया और आज गोल्ड मेडल मेरे हाथों में है।

व‌र्ल्ड चैंपियन दीपिका ने दिखाया कमाल

रांची के रातू चट्टी की रहने वाली दीपिका कुमारी के पिता शिवचरण महतो कभी ऑटो चलाते थे। दीपिका को आर्चरी की ट्रेनिंग दिलवाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत किया। ओलंपिक खेल चुकी दीपिका व‌र्ल्ड चैंपियन भी रह चुकी हैं। इनका कहना है कि बेहतर प्रदर्शन के कारण ही सब कुछ संभव हुआ है। लेकिन, सिंगल इवेंट में और मेहनत की जरूरत थी।

क्या कहते हैं कोच

हमारी टीम आर्चरी में ओवरऑल चैंपियन हुई है। इसके साथ और भी मेडल हमारे हाथ में आ सकते थे। लेकिन टीम का प्रदर्शन बेहतर रहा है। टीम की कोशिश यही होगी कि और भी मेडल अपने नाम करें।

-हरेंद्र सिंह, आर्चरी कोच

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लॉन बॉल टीम ने भी जीता सोना

35वें नेशनल गेम्स में झारखंड की लॉन बॉल की टीम ने भी कमाल कर दिखाया है। सोमवार को टीम इवेंट में एक गोल्ड दो सिल्वर और एक ब्रोंज मेडल मिले। इससे पहले सुनील बहादुर ने सिंगल इवेंट में लॉन बाल में पहला गोल्ड मेडल जीतकर खाता खोला था। टीम के गोल्ड मेडल के साथ लॉन बॉल के खाते में भी दो गोल्ड मेडल हो गए हैं।

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वुशु में दीपक बहादुर ने जीता ब्रोंज मेडल

35वें नेशनल गेम्स के वुशु के नानक्वोन इवेंट में झारखंड के दीपक बहादुर ने ब्रोंज मेडल अपने नाम किया है। वहीं, वुशु में एक प्लेयर गीता भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई और मेडल की रेस से बाहर हो गई।