परियोजनाओं की हुई समीक्षा बैठक
बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नियमित रूप से मंत्रालयों की बैठकें करते हैं. ऐसी ही एक बैठक शुक्रवार को हुई. इसमें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अलावा रेलवे, नागरिक विमानन, दूरसंचार, कोयला और जहाजरानी मंत्रालय के मंत्रियों व अफसरों ने शिरकत की. इसमें मोदी ने इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की निगरानी कार्यकुशलता के आधार पर व इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने रेल मंत्रालय से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश [एफडीआइ] पर समग्र योजना तैयार करने को भी कहा. प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करते वक्त राज्य सरकारों व दक्षेस में शामिल पड़ोसी देशों की ओर से उठाए गए कदमों का भी ध्यान रखे जाने की जरूरत बताई.

गडकरी ने बताया प्रोजेक्टों के बारे में
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि डेढ़ लाख करोड़ की लंबित सड़क परियोजनाओं की बाधाएं दूर करने के बाद सरकार इस वर्ष के अंत तक दो लाख करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों पर काम शुरू कराने की स्थिति में है. गडकरी ऑटो उद्योग के संगठन सियाम के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इसके अलावा दो लाख किलोमीटर सड़कें सार्वजनिक-निजी भागीदारी [पीपीपी] आधार पर बनाई जाएंगी. इनमें एक लाख किलोमीटर मौजूदा सड़कों का चौड़ीकरण शामिल है.

नई सोच और खोज को आगे बढ़ाने का प्रयास
गडकरी ने कहा कि वह निर्णय लेने की प्रक्रिया को तेज करने तथा भ्रष्टाचार व लालफीताशाही को मिटाने के अलावा नई सोच और खोज को आगे बढ़ाने में जुटे हैं. परियोजनाओं के लिए पैसे की कोई समस्या नहीं है. जरूरत पड़ने पर सरकार टोल राजस्व के प्रतिभूतिकरण के जरिये धन जुटा सकती है. उन्होंने बताया कि पंद्रह सालों में सरकार को 1.8 लाख करोड़ रुपये का टोल प्राप्त हुआ है. इसके अलावा दस हजार करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर बांडों से जुटाए जा सकते हैं.

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