RANCHI : केंद्र ने राज्य में पिछले साल अक्टूबर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना बंद होने पर नाराजगी जताई है। फाइनेंसियल ईयर 2016-17 के लिए भी बीमा कंपनियों के चयन के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव भानु प्रताप शर्मा ने मुख्य सचिव राजीव गौबा को पत्र लिखा है। इसमें योजना के शीघ्र शुरू करने तथा बीमा कंपनियों के चयन के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी करने के लिए सख्त निर्देश देने को कहा गया है। केंद्र द्वारा भेजे गए पत्र में दो विभागों के बीच इस योजना के फंसने की भी बात का जिक्र है।

यह है मामला

केंद्र के निर्देश पर श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग ने इस योजना को चलाने की जिम्मेदारी पिछले साल सितंबर माह में स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने कैबिनेट की स्वीकृति नहीं होने से इसे स्वीकार नहीं किया। इधर, योजना से जुड़ी तीनों बीमा कंपनियों के साथ हुआ करार 30 सितंबर को खत्म हो गया। इसी के साथ स्मार्ट कार्ड की वैधता भी खत्म हो गई, जिससे अक्टूबर से स्मार्ट कार्डधारी लाभुकों का चयनित अस्पतालों में इलाज भी बंद हो गया।

कैबिनेट की मिली स्वीकृति

श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस योजना को स्वास्थ्य विभाग को सौंपे जाने पर इस साल 13 जनवरी को कैबिनेट की स्वीकृति ली। स्वास्थ सचिव के विद्यासागर ने बताया कि इस योजना को स्वास्थ विभाग को हैंड ओवर किया गया है। अब इंश्योरेंस कंपनी के सेलेक्शन का प्रॉसेस चल रहा है। एक से डेढ महीने में काम शुरू कर दिया जाएगा।

लाभुकों को करना होगा इंतजार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना अब 2016-17 वित्तीय वर्ष से ही शुरू होने की उम्मीद है। अभी योजना हस्तांतरण की कागजी प्रक्रिया ही पूरी हो पाई है। ऐसे में अगले वित्तीय वर्ष के लिए टेंडर प्रक्रिया अभी से शुरू होगी तो अगले वित्तीय वर्ष से इसका लाभ बीपीएल परिवारों को मिलने की संभावना है।