जननी-शिशु सुरक्षा योजना की हाई लेवल जांच कराने की मांग

हाई कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम को लागू करने में धांधली की हाईलेवल कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग में दाखिल याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस सुनीत कुमार की खंडपीठ ने विश्व मानव सेवा समर्पण संस्थान इलाहाबाद की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता शशि शेखर मिश्र ने बहस की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिका में उठाये गये मुद्दों को गंभीरता से लिया और योजना पर ठीक से अमल न करने पर नाराजगी व्यक्त की। याचिका पर अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।

याचिका में रखे गए तथ्य

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्र सरकार मातृत्व व शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए बाल सुरक्षा योजना, एकीकृत बाल विकास योजना, जननी सुरक्षा, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम संचालित कर रही है

सरकारी अस्पतालों की बदहाली के चलते योजना पर ठीक से अमल नहीं किया जा रहा है

2017-18 में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के मद में केंद्र सरकार ने 81 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं

इसमें से 47 करोड़ 44 लाख 16 हजार रुपये की प्रथम किश्त राज्य सरकार को दी गयी है

यह राशि जिले एवं ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य इकाइयों को आवंटित हो चुकी है

इसके बाद भी गर्भवती महिलाओं को निर्धारित खुराक नहीं दी जा रही है