ये लाइफ स्टाइल पड़ सकती है भारी

 दिन में फास्ट फूड-स्नैक्स के साथ टीवी पर फेवरिट मूवी, शाम को कम्फर्टेबल गैजेट पर दोस्तों से चैटिंग और लेट नाइट इंटरनेट पर सर्फिंग. हो सकता है ये आपकी रूटीन लाइफ स्टाइल हो लेकिन ये आपको आलसी बना रही है. एक सर्वे के मुताबिक इंडिया में मोटापे का सबसे बड़ा रीजन आलसीपन है. यंगस्टर्स द्वारा तेजी से अनहेल्दी स्टाइल फॉलो करना उनके लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है. अगर एक बार मोटापे के शिकार हुए तो फिर अनचाहे तौर पर हजारों मुसीबतों को इनवाइट कर बैठेंगे. यह स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक है.

सिटी में बढ़ रहे मोटापे के मरीज

मोटापे की बीमारी से हमारी सिटी भी अछूती नहीं है. डॉक्टरों की मानें तो पॉपुलेशन का दस परसेंट से अधिक इस बीमारी के शिकार हैं. खास ये कि इनमें से उनकी संख्या ज्यादा है जिनकी एज अभी 40 साल से कम है. मेल से ज्यादा फीमेल इसकी चपेट में आ रही हैं. सबसे ज्यादा चिंता का सबब स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स में ओवरवेट होने की प्रवृत्ति का बढऩा है. खुल्दाबाद का रहने वाला क्लास नाइंथ का प्रत्यूष अवस्थी हो या सिविल लाइंस की क्लास सिक्स की नेहा. इनके पैरेंट्स इनके बढ़ते वजन को लेकर काफी टेंशन में हैं.

अब तो friends भी टोकने लगे

एक प्राइवेट बैंक में एकाउंटेंट राजीव सिंह का वजन पिछले डेढ़ सालों में अचानक इन्क्रीज हुआ है. शुरुआत में तो उन्हें काम्प्लीमेंट मिलते थे लेकिन बाद में फ्रेंड्स ने उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया. उनके कपड़े भी अब उन्हें फिट नहीं आते हैं. वह कहते हैं कि मॉर्निंग में दस बजे से शाम छह बजे तक कंटीन्यू कम्प्यूटर पर वर्क करने से उन्हें उठने का वक्त नहीं मिलता है. हालंाकि इस बीच वह कई बार तली-भुनी चीजें, फास्ट फूड के साथ चाय ट्राई करते हैं. डॉक्टर्स ने उन्हें एलर्ट कर दिया है. अगर उन्होंने अपना वेट कम नहीं किया तो उन्हें हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है.

वजन बढ़ा तो इन बीमारियों के बढ़ेंगे chances

1- टाइप टू डायबिटीज- शरीर का वजन बढ़ जाने से शुगर लेवल इन्क्रीज करने के चांसेज बढ़ जाते हैं.

2- हार्ट अटैक- खून की नलियों में फैट जमा हो जाने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

3- हाई ब्लड प्रेशर- मोटे लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की संभावना शत-प्रतिशत होती है.

4- आब्स्ट्रेक्टिव स्लीप

एनीमिया-अक्सर सांस रुक जाने से नींद टूट जाती है. ऐसे में पेशेंट मानसिक रोगी हो जाता है.

5- गाउट- बॉडी में यूरिक एसिड बढऩे से अर्ली एज में ही ज्वाइंट्स खराब होने लगते हैं. इसे गठिया भी कहते हैं.

6- आस्टियोआर्थराइटिस- अधिक एज में वजन बढ़ जाने से घुटनों का खराब हो जाना आम समस्या है.

7- कैंसर- मोटापे के चलते आंत, स्तन और इसोफैजियल कैंसर के चांसेज बढ़ जाते हैं.

8- इन्फर्टिलिटी- बॉडी मे फैट बढऩे से इन्फर्टिलिटी के मामले सामने आने लगते हैं.

ये हैं main reason

1- आलसीपन- लोगों में कम्फर्टेबल लाइफ जीने की हैबिट उनका वजन बढ़ा रही है. इसमें महंगे मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट और इंटरनेट का यूज शामिल है. टीवी के सामने घंटों बैठे रहना भी लोगों का खास शगल बन चुका है.

2- अनहेल्दी डाइट- इसका ये मतलब नहीं कि लोगों के पास खाना नहीं है. फास्ट फूड के बढ़ते चलन की वजह से लोग अनहेल्दी और फैट से भरपूर डाइट लेने में पीछे नहीं हैं.

3- सोशल थिंकिंग- हमारी सोसायटी में मोटा होने का मतलब 'खाते-पीते घर काÓ से लगाया जाता है. इसे समृद्धता की निशानी से जोड़कर भी देखा जाता है.

4- वर्कआउट में कमी- मॉर्निंग वॉक और जॉगिंग जैसे शब्द एक उम्र विशेष यानी बूढ़े लोगों तक ही सीमित होकर रह गए हैं. यंगस्टर्स अपनी लाइफ स्टाइल से इस हैबिट को निकालकर बाहर कर चुके हैं. बच्चे भी क्रिकेट या फुटबाल खेलने के बजाय कम्प्यूटर गेम खेलने में दिलचस्पी रखते हैं.

Weight loose करना है तो follow करें...

-सुबह-शाम कम से कम 30-30 मिनट वॉकिंग की आदत डालें.

-कम्प्यूटर या टीवी के सामने आधे घंटे से अधिक न बैठें. बीच-बीच में उठकर टहलना जरूरी है.

-शुगर कंजम्पशन कम कर दें. दिन में बार-बार चीनी वाली चाय पीने से बचें.

-खाने से पहले हरी सब्जियों का सलाद खाना चाहिए.

-डाइट लेने की टाइमिंग फिक्स कर दें. बेवजह अधिक खाने से बचें.

-फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने में ही फायदा है. आउटडोर गेम्स खेलने का टाइम जरूर निकालें.

-दिनभर में सात से आठ गिलास नींबू पानी जरूर पिएं. हर गिलास में पांच से छह बूंद ही रस डालें.