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ALLAHABAD: उपभोक्ताओं को दवा खरीद में ठगी का शिकार नहीं होना पड़ेगा। कोई भी दुकानदार उनसे अधिक पैसे नहीं ले सकेगा। अगर ऐसा होता है तो अब आप तत्काल एनपीपीए (नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी) के टोल फ्री नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इतना ही नहीं, अपने एंड्रॉयड फोन पर इसका ऐप डाउनलोड कर पलक झपकते ही दवा का दाम भी पता कर सकते हैं। हाल ही में एनपीपीए ने अपनी वेबसाइट अपग्रेड करते हुए उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन कई नई सुविधाएं मुहैया कराई हैं।

 

ऐसे पता कर सकेंगे दाम

-अगर मेडिकल स्टोर पर लगता है कि दुकानदार किसी दवा का अधिक दाम ले रहा है या प्राइस की जगह पर मिस प्रिंट हुआ है तो परेशान होने की जरूरत नहीं।

-एनपीपीए की वेबसाइट पर फार्मा सही दाम ऑप्शन पर क्िलक करके कीमत पता कर सकते हैं।

-यहां ब्रांडेड और जेनेरिक दोनों दवाओं का नाम इंटर कर दाम जान सकते हैं।

-जो नाम या साल्ट आप टाइप करेंगे, उससे जुड़ी दूसरी दवाओं का ऑप्शन भी सामने आ जाएगा।

-आपको तत्काल दवा कंपनियों की च्वाइस भी मिल जाएगी।


इस नंबर पर कीजिए शिकायत

इसके अलावा एनपीपीए ने हाल ही में दवा संबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिए कम्प्लेंट नंबर भी जारी किया है। उपभोक्ता टोल फ्री नंबर 1800111255 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस पर तत्काल समाधान किया जाएगा। इसके अलावा लिखित शिकायत भी वेबसाइट के जरिए दर्ज करा सकते हैं। इसकी चार कैटेगरी उपलब्ध हैं। यह सभी सुविधाएं अपने एंड्रायड मोबाइल फोन पर फार्मा जन समाधान एप डाउनलोड करके भी उपयोग कर सकते हैं।

 

यह हैं कम्प्लेंट की कैटेगरी

-तय मानक से दवाओं की अधिक कीमत वसूल करना।

-दवाओं की अनुपलब्धता या बाजार में कमी।

-एनपीपीए के तहत कीमत निर्धारण हुए बिना दवाओं की बिक्री।

-किसी दवा की बिक्री से इंकार किया जाना।

विभाग पब्िलक को करेगा जागरुक

एनपीपीए द्वारा उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ड्रग विभाग आगे आएगा। सरकार द्वारा इन सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ित को दवाओं की कीमत, उपलब्धता और स्टैंडर्ड को लेकर जानकारी होनी चाहिए। सरकार दवाओं की ओवर प्राइसिंग और फर्जीवाड़े को लेकर पहले से काफी सख्त है।

 

एनपीपीए की वेबसाइट पर कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। लोगों को इसकी जानकारी नही है। उपभोक्ता जागरुक हों तो वह फेक दवाओं से बच सकते हैं। साथ ही दवा के दाम की जानकारी भी उन्हें बिना देरी हो सकती है। वह तत्काल शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं.

-केजी गुप्ता, असिस्टेंट कमिश्नर, ड्रग

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