उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में अब दो बार आयोजित होगा राष्ट्रीय शिल्प मेला

ALLAHABAD: देश के सात राज्यों की लोक संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ने शहरियों को नई सौगात दी है। केन्द्र के परिसर में इस समय राष्ट्रीय शिल्प मेला के जरिए 17 राज्यों की लोक कलाओं व लोकनृत्यों का अद्भुत नजारा दिखाई दे रहा है तो वह दिन दूर नहीं जब एक ही साल में दो बार शिल्प मेला का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए केन्द्र प्रशासन ने इसी शिल्प मेले से अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है।

रिहर्सल के लिए आयोजन

केन्द्र प्रशासन की ओर से प्रतिवर्ष साल के अंतिम महीने दिसम्बर में शिल्प मेले का आयोजन किया जाता रहा है। इस बार दस दिवसीय मेला 17 मार्च से कराया जा रहा है। इसकी बड़ी वजह ये है कि इस समय यूपी बोर्ड व सीबीएसई की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं चल रही हैं। प्रशासन चाहता तो परीक्षाओं के बाद आयोजन करा सकता था, लेकिन साल में दो बार आयोजन कराने के मकसद से रिहर्सल के तौर पर ही इस समय मेला कराया जा रहा है। ताकि पता लगाया जा सके कि शहरियों के मन में मेला को लेकर कितना क्रेज है।

दिसंबर में नहीं हो सका आयोजन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवम्बर को देश के नाम संबोधन के दौरान पांच सौ और एक हजार के नोट बंद करने का फैसला लिया था। इसकी वजह से नौ दिसम्बर से प्रस्तावित राष्ट्रीय शिल्प मेला स्थगित कर दिया गया था। क्योंकि एक दर्जन शिल्पकारों ने नोटबंदी के असर के चलते मेले में आने से इंकार कर दिया था। इस वजह से वर्ष 2016 में शिल्प मेला नहीं कराया गया।

हम लोगों ने साल में दो बार राष्ट्रीय शिल्प मेला लगाने का मन बनाया है। इसके लिए रिहर्सल के तौर पर शिल्प मेला आयोजित किया गया है। ताकि देखा जा सके कि परीक्षाओं के दौर में भी लोगों के मन में ऐसे आयोजन का कितना क्रेज है।

गौरव कृष्ण बंसल, निदेशक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र