- आईडब्ल्यूएआई चेयरमैन और डायरेक्टर ने वाराणसी में की मीटिंग

- मीटिंग में हल्दिया टू वाराणसी वाटरवे डेवलपमेंट पर ही हुई चर्चा

- मीटिंग में फिलहाल वाराणसी बेस्ड डेवलपमेंट का तैयार किया गया खाका

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वाटरवे हल्दिया-इलाहाबाद के थ्रू देश में जो अच्छे दिन लाने का वादा किया था। उन अच्छे दिनों का फ‌र्स्ट फेज वाराणसी तक ही सीमित रहेगा। नेशनल वाटरवे के थ्रू वाराणसी तक अच्छे दिन लाने, गाजीपुर से वाराणसी के बीच बैराज बनाने और जहाजों के लगातार अप-डाउन की प्रक्रिया बनाने के बाद इलाहाबाद का नंबर आएगा। आई नेक्स्ट पिछले कुछ दिनों से इसी लाइन पर मुहिम चला रहा था। जिस पर आईडब्ल्यूएआई क्षेत्रीय कार्यालय पटना के डॉयरेक्टर गुरुमुख सिंह ने भी मुहर लगा दिया। उन्होंने ने आईनेक्स्ट से बातचीत में ये स्वीकार किया कि नेशनल वाटरवे पर पहले जो भी डेवलपमेंट होगा, वो वाराणसी तक होगा। वाराणसी के बाद इलाहाबाद का नंबर आएगा। इलाहाबाद का नंबर कब आएगा? ये तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा।

वाराणसी बेस्ड मीटिंग

वाराणसी में आयोजित मीटिंग में आईडब्ल्यूएआई नोएडा, पटना, वाराणसी और इलाहाबाद के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। लेकिन मीटिंग का सेंटर प्वाइंट नेशनल वाटरवे हल्दिया-इलाहाबाद के बीच में वाराणसी था, जिसको लेकर पूरी प्लानिंग हो रही थी। आईडब्ल्यूएआई के सूत्रों की मानें तो डायरेक्टर और चेयरमैन ने वाराणसी तक ही काम किए जाने का निर्देश दिया। गाजीपुर से वाराणसी के बीच काम करने, रॉक हटाने व ड्रेजिंग का आदेश दिया। वाराणसी के प्राइवेट पार्टियों को अप्रोच करने को कहा। लेकिन इलाहाबाद पर कोई चर्चा नहीं हुई।

बराज बनाना है तो कब?

मीटिंग में जब किसी ने बैराज पर सवाल उठाया तो चेयरमैन ने बस यही कहा कि गाजीपुर से वाराणसी और वाराणसी से इलाहाबाद के बीच बैराज बनना है। लेकिन इलाहाबाद के बीच बैराज कब बनेगा। कितना खर्च आएगा। इसको लेकर कुछ नहीं बताया। जबकि गाजीपुर से वाराणसी के बीच बैराज बनाने के लिए जुटने का आदेश दिया।

आईडब्ल्यूएआई इलाहाबाद को नहीं मिले कोई इंस्ट्रक्शन

आईडब्ल्यूएआई इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय की टीम भी वाराणसी के सेमीनार और मीटिंग में गई थी। लेकिन इलाहाबाद की टीम को वाटरवे डेवलपमेंट को लेकर कोई आदेश नहीं मिला। न ही किसी प्लानिंग से अवगत कराया गया। सारा आदेश केवल वाराणसी के लिए था।

वाराणसी के अधिकारियों को निर्देश

आईडब्ल्यूएआई वाराणसी के अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया कि वे प्राइवेट पार्टी से मिलें। रेल के थ्रू माल मंगाने वालों को अप्रोच करें। ट्रेवल एजेंसियों से संपर्क बनाएं। टर्मिनल डेवलप करें। प्राइवेट पार्टियों को भरोसा जताएं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वे आएं हम उन्हें सुरक्षा देंगे।

पहले काशी, बाद में प्रयाग

इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया क्षेत्रीय कार्यालय पटना के डायरेक्टर गुरुमुख सिंह ने शनिवार को आईनेक्स्ट से हुई बातचीत में ये स्वीकार किया कि नेशनल वाटरवे डेवलपमेंट का पहला टारगेट वाराणसी है। वाराणसी के बाद ही इलाहाबाद का नंबर आएगा। डायरेक्टर ने कहा कि इलाहाबाद और वाराणसी के बीच में दो बैराज बनने हैं। इलाहाबाद को इग्नोर नहीं किया गया है। छोड़ा नहीं गया है। नेशनल वाटर वे तो इलाहाबाद तक है। लेकिन इतना जरूर है कि फेज वाइज काम करना है। फ‌र्स्ट फेज में वाराणसी तक काम कराया जाएगा। सेकेंड फेज में इलाहाबाद का नंबर आएगा। गाजीपुर-वाराणसी के बीच में रॉक है। जिसे निकालना जरूरी है। इसलिए पहले गाजीपुर वाराणसी के बीच रॉक हटाने का काम होगा। रॉक हटाने के बाद ड्रेजिंग कराया जाएगा। आईडब्ल्यूएआई को अभी तक फंडिंग की दिक्कत थी। मोदी सरकार ने अभी ब्ख्00 करोड़ रुपया दिया है। प्रगति आई है। काम शुरू करने दीजिए।