दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी न केवल पेट्रोल की क़ीमतों का विरोध कर रही है बल्कि दिल्ली सरकार द्वारा सीएनजी की क़ीमतों में बढ़ोतरी का भी विरोध हो रहा है। हालांकि दिल्ली सरकार ने पेट्रोल के टैक्सों में कमी कर के पेट्रोल की क़ीमतें दो रुपए तक कम करने की घोषणा भी की है लेकिन ये कमी शुक्रवार से ही हो सकेगी।

उधर देश के अन्य राज्यों में बीजेपी ही नहीं बल्कि कई व्यापारिक संगठन और वाम दल भी सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं और जगह जगह बंद का आह्वान किया गया है। बिहार से बीबीसी संवाददाता मणिकांत ठाकुर ने खबर दी है कि पटना विश्वविद्यालय और आस-पास बाढ़ के पास ट्रेनों को भी बंद कराया जा रहा है। हालांकि बंद के दौरान ट्रेनों को बाधित न करने की बात की गई थी।

बिहार में वामपंथी दल भाकपा माले के लोग भी बंद के आयोजन में शामिल हैं। झारखंड के कोडरमा में हावड़ा राजधानी को रोका गया है। दरभंगा में संपर्क क्रांति रोकी गई है। इस बीच बिहार के सहरसा में जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव ने गिरफ्तारी दी है।

बंद के दौरान कई शहरों से हिंसा की भी खबरें आ रही हैं। राजधानी दिल्ली के कई इलाकों से जाम की खबरें मिल रही हैं। दिल्ली में बीजेपी के कई नेता हिरासत में लिए गए हैं। बीबीसी संवाददाता दिव्या आर्य के मुताबिक रोहिणी पूर्व मेट्रो स्टेशन पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जाम लगा रखा है। लोगों को मेट्रो स्टेशन के अंदर जाने से रोका जा रहा है। हालांकि मेट्रो के परिचालन पर कोई असर नहीं और मेट्रो रेल सभी रूटों पर चल रही हैं.उत्तर प्रदेश में भी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी बंद में शामिल है। इलाहाबाद में बंद के दौरान ट्रेनों को रोके जाने की खबर है।

महंगाई के खिलाफ बंद

केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते पेट्रोल की क़ीमतों में साढ़े सात रुपए की बढ़ोतरी की थी जिसकी कड़ी आलोचना हो रही है। सरकार ने रुपए की क़ीमत गिरने का तर्क दिया है जिसे विपक्षी दल मानने को तैयार नहीं हैं।

बताया जा रहा है कि बंद के दौरान राजनीतिक दल धरना और प्रदर्शन भी करेंगे और जूलूस भी निकाले जाएंगे। पेट्रोल की बढ़ी कीमतों का विरोध न केवल विपक्षी दल कर रहे हैं बल्कि सरकार की सहयोगी पार्टियों ने भी क़ीमतें बढ़ाने की आलोचना की है।

सहयोगी दल तृणमूल ने हालांकि समर्थन लेने की बात से इंकार किया लेकिन पार्टी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पेट्रोल कीमतें बढ़ाए जाने के विरोध में कोलकाता में एक जूलुस भी निकाला था।

द्रमुक के प्रमुख करुणानिधि भी कीमतें बढ़ाए जाने का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने यहां तक कहा था कि वो सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे लेकिन बाद में उन्होंने इंकार किया कि उन्होंने समर्थन लेने की बात कही थी।

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