-पहले दिन माता शैलपुत्री का दर्शन करने को लगी रही श्रद्धालुओं की लम्बी कतार

-पूजा-पंडाल सहित घरों में हुई कलश स्थापना

VARANASI

नवरात्र के पहले दिन बुधवार को माता शैलपुत्री देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। शारदीय नवरात्र में देवी दुर्गा के नौ स्वरूप वाले मंदिरों में प्रतिदिन दर्शन करने का विधान है। इसका पालन करने के लिए प्रतिपदा पर हजारों की संख्या में भक्त अलईपुर स्थित देवी शैलपुत्री केदर्शन-पूजन को पहुंचे। मंगला आरती के बाद मंदिर खुलने से पहले ही मां शैलपुत्री का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग चुकी थी। मां को नारियल और गुड़हल का फूल चढ़ाने के लिए दुकानों पर भीड़ उमड़ी रही। लोगों ने अपने घरों में विधि-विधान से कलश स्थापना करके मां की अराधना आरंभ किया।

दुर्गा मंदिर में लगी रही लाइन

दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में भी पूरे दिन दर्शन पूजन का क्रम चलता रहा, पुरुषों और महिलाओं की अलग-अलग लाइन मंदिर के बाहर दूर तक रोड पर लगी थी। भक्तों की सुविधा के लिए मानस मंदिर और दुर्गा कुंड की ओर से वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का जबरदस्त इंतजाम किया गया था। मंदिर कैंपस सहित आसपास के एरिया में बैरिकेडिंग भी की गई थी। ताकि जल्द दर्शन करने की होड़ में श्रद्धालुओं के बीच धक्का मुक्की न हो। ऐसी मान्यता है कि देवी के इस रूप के दर्शन मात्र से सभी कष्ट मिट जाते हैं।

पांच पूजा पंडालों में हुई प्राण प्रतिष्ठा

शहर के पांच पूजा पंडालों में शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां की प्राण प्रतिष्ठा की गई। बुधवार की सुबह विधान पूर्वक कलश स्थापन के साथ श्री दुर्गा पूजा उत्सव समिति टाउनहाल की ओर से नवदिवसीय अनुष्ठान का आरंभ हुआ। जब से गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लग गई है, तब से सिटी के कई पूजा पंडालों में प्रतीकात्मक रूप से कलश स्थापना करने की परंपरा चल पड़ी है। टाउनहाल में इस साल भी कलश की स्थापना की गई है। इसके अलावा शारदा विद्या मंदिर, गायघाट के पूजा प्रांगण में देवी की पूजा-अर्चना विधान पूर्वक की गई। नवापुरा स्थित दुर्गा मंदिर में नौ दिवसीय चंडी पाठ आरंभ हुआ। सुडि़या स्थित एसबी दुर्गोत्सव समिति के पूजा पंडाल में भी देवी के पट भक्तों के दर्शनार्थ खुल गए।

-------------------------

नवरात्र दर्शन

द्वितीयम ब्रह्मचारिणी

शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन द्वितीया तिथि पर दुर्गा दर्शन के क्रम में देवी ब्रह्मचारिणी के दर्शन का विधान है। मां के इस स्वरूप का मंदिर ब्रम्हाघाट पर स्थित है। मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

तृतीयं चन्द्रघंटा

शारदीय नवरात्र में दुर्गा दर्शन के क्रम में तीसरे दिन देवी चन्द्रघंटा के दर्शन का विधान है। मां के इस स्वरूप का मंदिर चौक थाने से कुछ दूर सामने चित्रघंटा गली में स्थित है। सुहागन महिलाओं के लिए मां का दर्शन अति उत्तम माना जाता है।