देवी दुर्गा अपने छठवें स्वरूप में कात्यायनी के नाम से जानी जाती हैं। देवी कात्यायनी एक ऐसी पुत्री का स्वरूप हैं, जो अपनी मेहनत के दम पर सफलता और प्रसिद्धि की नई ऊंचाइयां पाती हैं। उनका यह रूप ऐसा है, जिस पर उनके माता-पिता भी गर्व कर सकें।

इसलिए नाम पड़ा कत्यायनी

नवरात्रि 2018: छठे दिन करते हैं मां कात्यायनी की पूजा,इस मंत्र से जल्द प्रसन्न होती हैं माता

नवरात्रि में हम मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की अराधना करते हैं। उनका यह छठां स्वरूप कत्यायनी है, इनका यह नाम क्यों पड़ा, आइए जानते हैं— 

देवताओं, ऋषियों को राक्षसी आतंक से बचाने तथा यज्ञों की रक्षा करने हेतु ऋषि कात्यायन के आश्रम में देवी प्रकट हुईं, तो ऋषि ने उन्हें कन्या के रूप में स्वीकार किया। इसीलिए यह माता कात्यायनी नाम से प्रसिद्ध हुईं।

मन्त्र -

नवरात्रि 2018: छठे दिन करते हैं मां कात्यायनी की पूजा,इस मंत्र से जल्द प्रसन्न होती हैं माता

एत्तते वदनम साओमयम् लोचन त्रय भूषितम।

पातु नः सर्वभितिभ्य, कात्यायनी नमोस्तुते ।।

मां को अगर शहद का भोग लगाया जाता है तो वह प्रसन्न होती हैं और अपने भक्त की मनोकामना पूर्ण करती हैं।

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