RANCHI: देवी दुर्गा अपने नौवें स्वरूप में सिद्धिदात्री के नाम से जानी जाती हैं। यह ऐसी मां हैं जो अपने बच्चों के सपनों को सच करने के लिएखुद के सपनों की बलि दे देती हैं। यही नहीं, मुश्किल घड़ी में अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी भी रहती हैं। कुछ ऐसी ही हैं रातू रोड के देवी मंडप में रह रहीं बबीता सिन्हा, जो बच्चों का करियर संवारने के लिए टीचिंग में पैसे कम पड़े तो बिजनेसवूमेन बन गई। फिलहाल वह सोयाबीन से बनने वाले सोया पनीर की फैक्ट्री की मालकिन हैं। इंडस्ट्री चलाकर ना सिर्फ अन्य महिलाओं को रोजगार दिया, बल्कि कई महिलाओं को स्वावलंबी भी बना रही हैं।

पति ने बढ़ाया हौसला

बबीता सिन्हा बताती हैं कि पूर्व में टीचिंग का जॉब करती थी। लेकिन उससे न तो अपने सपने पूरा कर पा रही थी और न ही अपने बाल-बच्चों को उचित शिक्षा ही दे पा रही थी। ऐसे में पसंदीदा टीचिंग का जॉब छोड़ दिया और बिजनेस की सोची। खुद का बिजनेस खड़ा करने के लिए पूंजी की आवश्यकता ने विचलित किया। लेकिन, हिम्मत नहीं हारी और पैसे का जुगाड़ कर सोया पनीर की फैक्ट्री खोल लीं। इस बीच कई लोगों से मदद मांगी, लेकिन मदद के नाम पर इन्हें कुछ नहीं मिला। बाद में इनके पति ने हौसला बढ़ाया तो ये बिजनेस के मैदान में कूद पड़ीं।

महिलाओं को बना रही स्वावलंबी

मूल रूप से बिहार के तारापुर की रहने वाली बबीता बहुत सीधी और सरल है। उनके पास जो कोई भी मदद मांगने आता है वह ना नहीं करती है। उसे हर संभव सहायता प्रदान करती है। आजकल के दौर में महिलाएं कहती हैं कि बहुत कम ही लोग हैं जो उन्हें सहारा देते हैं। पर, बबीता सिन्हा एक ऐसी महिला है जो हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे लेकर बढ़ने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। आज उनका यह उद्योग पहचान का मोहताज नहीं है। सोया पनीर खाकर लोगों को दस तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में यह प्रोडक्ट लोगों में विश्वास पैदा कर रहा है। रोजगार से जुड़ी कई महिलाओं को ट्रेनिंग देने का भी काम कर रही हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है।