- सूर्य की किरण फूटते ही देवी मंदिरों में लगेगा भक्तों का तांता

- मंदिरों में की गई विशेष तैयारियां, प्रमुख मंदिरों में लगे सीसीटीवी कैमरे

KANPUR : शुक्रवार से नवसंवत्सर प्रारम्भ हो रहा है। इसी के साथ वासंतिक नवरात्र भी शुरू हो जाएंगे। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर मां प्रथम शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा। सूरज की किरण फूटते ही देवी मंदिरों में घंटे घडि़याल के साथ मां के जयकारे गूंजने लगेंगे।

नवरात्र पर मंदिरों में सजावट का काम गुरुवार देर रात तक चलता रहा। सिटी के प्रमुख तपेश्वरी देवी, बाराहदेवी, चंद्रिका देवी, जंगली देवी, काली मठिया, वैष्णों देवी मंदिर, काली मंदिर बंगाली मोहाल व शुक्लागंज स्थित दुर्गा मंदिरों में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। इसके अलावा लगभग सभी देवी मंदिरों की सजावट में देर रात तक भक्त जुटे दिखाई दिए। इसके अलावा प्रशासन ने भी अपनी तैयारियों को परखा। प्रमुख ोंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ सादी वर्दी में भीड़ के बीच पुलिस के जवान नजर रखेंगे।

मां के दरबार में लगेगा मेला

तपेश्वरी देवी, बाराह देवी, दुर्गा मंदिर शुक्लागंज में पारम्परिक मेला भी लगता है। इन तीनों मंदिरों की ख्याति आसपास के जिलों तक फैली है। लाखों भक्त दर्शन के साथ मेले का भी आनन्द लेंगे।

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कलश स्थापना के तीन मुहूर्त

हिन्दू नववर्ष के पहले दिन यानी नवरात्र के पहले दिन प्रात: काल 4:32 बजे से प्रतिपदा लग जाएगी। पंडित दीपक पाण्डेय के मुताबिक कलश स्थापित करने वालों के लिए तीन मुहूर्त है। पहला मुहूर्त 4:32 से 6:13 बजे तक, दूसरा 10:41 से 11:16 तक तत्पश्चात दोपहर 11:57 से 12:47 तक। तीनों मुहूर्त विशेष पुण्य देने वाले हैं।