फंस गए नवाज

पनामा पेपर्स मामले में बुरी तरह फंसे पाकिस्तान पीएम नवाज शरीफ के बारे में एक और सच सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट उनके द्वारा सौंपे गए साक्ष्यों की मानें तो नवाज शरीफ ने बकायदा युनाइटेड अरब एमिरेट्स (यूएई) की एक फर्म में नौकरी की थी। साथ ही, यूएई में काम करने के लिए जरूरी वर्क पर्मिट इकामा भी नवाज ने हासिल किया था। पाकिस्तान के लीडिंग मीडिया हाउस एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. अहम पेंच तो यही है कि जिस कंपनी पर तथ्य छुपाने और नवाज को इंप्लॉयमेंट देने का आरोप है वह उनके छोटे बेटे हसन नवाज की ही थी।

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क्या है रिपोर्ट में?

रिपोर्ट में कहा गया है कि पनामा पेपर्स मामले में फंसे नवाज शरीफ ने अपने इंप्लॉयमेंट तमाम तथ्य ज्वाइंट इनवेस्टीगेशन टीम (जेआईटी) से छुपाए। हालांकि, नवाज शरीफ के मुताबिक, उन्होंने जेआईटी से कोई तथ्य नहीं छुपाया। उन्होंने ये सारी बातें सुप्रीम कोर्ट में अपने जवाब में लिखित ब्योरे के तौर पर दी हैं। ट्रिब्यून के मुताबिक, 2013 में जब उन्होंने जनरल इलेक्शन में अपना नॉमिनेशन भरा था, जब भी उन्होंने ये सारी बातें रखी थी। गौरतलब है कि केपिटल जेडएफई में

नवाज बतौर इंप्लॉयी जुड़े थे।

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कबूलनामे से बढ़ी मुश्किलें

ट्रिब्यून के मुताबिक, अगर नवाज की बात सच है तो केवल यही एक बात नवाज को सत्ता से हटाने के लिए काफी है कि वह एक ऐसी कंपनी में बतौर इंप्लॉयी जुड़े थे, जिसके मालिक उनके बेटे हसन नवाज थे। रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज ने जिस केपिटल जेडएफई का इंप्लॉयी खुद को दर्शाया है उसके मालिक, जनरल सेक्रेटरी और डायरेक्टर हसन नवाज थे। नवाज शरीफ इस फर्म में चेयरमैन ऑफ द बोर्ड के पद पर आसीन थे। हालांकि, कोर्ट ने इस बात को माना है कि हसन ही इस कंपनी के सर्वोसर्वा थे, मगर शरीफ फैमिली के टेस्टामेंट्स के मुताबिक इस बात का कोई सबूत नहीं है और हसन को विक्टिमाइज किया जा रहा है। ऐसे में, अगर ये दोनो प्वाइंट कोर्ट में प्रूव हो जाते हैं तो नवाज शरीफ के ऊपर पीएम पद छोड़ने और कानूनी जांच समेत कड़ी कार्रवाई भी संभव है।

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इमरान खान भी हैं आरोपों के घेरे में

दूसरी ओर नवाज शरीफ के खिलाफ करप्शन चार्जेस को लेकर लगातार मुद्दा बनाने वाले और सशक्त विपक्ष बनकर पाक में उभरे तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ फॉर्मर क्रिकेटर इमरान खान खुद भी कई संगीन आरोप में फंसे हुए हैं। हालांकि  सुप्रीम कोर्ट में अपना मनी ट्रेल पेश करते हुए इमरान ने खुद को पाक साफ कहा है। रविवार को इस मामले पर उन्होंने अपना पक्ष रखा और कहा कि यह सत्ता पक्ष की उन्हें डिफेम करने की कोशिश है। गौरतलब है कि उनके ऊपर आय को छुपाने, टैक्स चोरी, मनी लॉन्डरिंग जैसे संगीन आरोप लगाये गए हैं। पनामागेट मामले में सुनवाई के दौरान जेआईटी की रिपोर्ट पर जारी जिरह के दौरान रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने उनके ऊपर ये आरोप लगाए थे। इस मामले पर इमरान ने कहा कि अपनी संपत्ति उन्होंने कभी नहीं छुपाई जिसमें लंदन में उनके फ्लैट्स भी शामिल हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अगर सत्ता पक्ष को लगता है कि वे कोई गलत काम कर रहे हैं तो फिर बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाए जांच कराए और उनके दोषी होने के तथ्यों को सामने लाए।

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