शरीफ़ ने लंदन में कहा है कि 1999 में उन्होंने बिल क्लिंटन से कहा था कि अगर अमरीका हाथ डाले तो कश्मीर मुद्दा सुलझ सकता है.

पीटीआई के मुताबिक अमरीका से पहले लंदन पहुंचे शरीफ़ ने पत्रकारों से कहा ''हालांकि भारत ऐसा कोई हस्तक्षेप नहीं चाहता है लेकिन विश्व शक्तियों को ये मुद्दा सुलझाने के लिए शामिल होना चाहिए.''

कश्मीर पर एक सवाल का जवाब देते हुए शरीफ़ ने कहा, ''जुलाई 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान जब मैं अमरीका गया तो मैंने तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को साफ़ तौर पर कहा था कि अगर अमरीका हाथ डाले तो कश्मीर मुद्दा सुलझ सकता है. मैंने उन्हें कहा कि अगर वो मध्य एशिया पर ख़र्च किए जाने वाले अपने वक्त का 10 फ़ीसदी भी कश्मीर पर लगाते हैं तो दोनों देशों के बीच का मसला सुलझ जाता.''

'मध्यस्थता स्वीकार नहीं'

नवाज़ शरीफ़ के बयान के बाद प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने एक निजी टीवी चैनल एनडीटीवी से कहा है कि इसका सवाल ही नहीं उठता.

"हमने एक बार नहीं कई बार साफ़ तौर पर कहा है कि भारत कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा. ये भारत और पाकिस्तान का आपसी मुद्दा है. "

-सलमान खुर्शीद, भारतीय विदेश मंत्री

उनका कहना था, "हमने एक बार नहीं कई बार साफ़ तौर पर कहा है कि भारत कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा. ये भारत और पाकिस्तान का आपसी मुद्दा है. जहाँ तक कश्मीर की बात है तो जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस मुद्दे पर तो सवाल ही नहीं उठाना चाहिए."

लंदन में नवाज़ शरीफ़ ने कहा है, ''पिछले 60 सालों से दोनों देश हथियारों की होड़ में लगे हुए हैं. स्थिति बिगड़ सकती है. भारत के पास परमाणु बम है, हमारे पास भी है. भारत मिसाइल बनाता है हम भी वही करते हैं, इसकी कोई सीमा होनी चाहिए. हमें इसके बारे में सोचना चाहिए.''

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि वे अमरीकी राष्ट्रपति के साथ ड्रोन हमलों का मसला भी उठाएंगे.

उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भी यह मसला उठाया था और पूरी दुनिया उससे सहमत थी. अब मैं अपनी औपचारिक बैठक में यह बात फिर दोहराउंगा.''

राष्ट्रपति ओबामा के साथ नवाज़ शरीफ़ की इस बैठक में अफ़ग़ानिस्तान से सेनाओं की वापसी और भारत-पाक मुद्दे छाए रहने की संभावना है.

International News inextlive from World News Desk