हाल की सऊदी यात्रा के दौरान समाचार पत्र सऊदी गजट को दिए गए एक साक्षात्कार में शरीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रण को स्वीकार कर उन्होंने एक ‘असाधारण फैसला’ लिया था, लेकिन भारत ने उनके शांति प्रस्ताव पर कोई पहल नहीं दिखाई.

कश्मीरी अलगाववादियों से बातचीत के कारण पिछले वर्ष भारत की ओर से निरस्त की गई विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के संबंध में उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ बेहतर दोस्ताना रिश्ते की हमारी इच्छा नहीं बदली है. भारत ने हमारी द्विपक्षीय वार्ता प्रक्रिया को एकतरफा ही निरस्त कर दिया.’’

भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर के पिछले माह इस्लामाबाद दौरे के बाद वार्ता बहाली की राह की ओर दोनों देश धीरे-धीरे बढ़ते नजर आए. दोनों पक्षों ने इसे ‘गतिरोध का अंत’ के रूप में करार दिया. सऊदी गजट से उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमसे वार्ता बहाल करने की इच्छा रखता है, इसका कोई संकेत नहीं दिखता है. जम्मू एवं कश्मीर सहित सभी मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ सकारात्मक बातचीत करने के लिए हम तैयार हैं.’’

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