मदद करने के लिए कहा था
राजकमल गोप ने धर्मेंद्र कुमार लाल से जेल से बाहर निकलने पर पीएलएफआई की मदद करने को कहा था। राजकमल गोप ने सबसे पहले कहा था कि पीएलएफआई को सिम दिलाना है। इसके लिए धर्मेंद्र कुमार लाल, व्यवसायी पुत्र धीरज जालान और सुनील किस्पोïट्टा ने आइडिया कंपनी के राजेश कुमार नाम के एक शख्स से कॉन्टैक्ट किया था।

राजेश ने दिलवाया था SIM
चूंकि राजेश आइडिया कंपनी में अच्छे पोस्ट पर था। इसलिए, उसने गुमला, लोहरदगा के डीलर्स को फोन कर अपने नाम से सिम देने के लिए ऑर्डर दिया था। सिम बेचनेवालों ने वैसा ही किया। एक दिन शमशाद मौलवी के आदमी गुमला व लोहरदगा गए और वहां डीलर से सिम काड्र्स हासिल किए। उसके बाद सिम काड्र्स को अपने लोगों के बीच बांट दिया।

छापेमारी के वक्त बताता location
शमशाद उर्फ मौलवी ने मोबाइल कंपनी के अधिकारी राजेश से यह भी कहा था कि वह पुलिस अधिकारियों के लोकेशन बताता रहे। वह कंपनी में बैठकर उनके मोबाइल का लोकेशन ट्रेस कर इसकी इनफॉर्मेशन उनलोगों को देता था, जिससे जब पुलिस छापेमारी के लिए निकलती थी, तो वे लोग उल्टी दिशा में फरार हो जाते थे और पुलिस को कुछ हासिल नहीं होता था।
जब धर्मेंद्र के परिजनों को  जानकारी हुई कि पुलिस ने धर्मेंद्र को पकड़ कर रखा है और कोर्ट में पेश नहीं कर रही है, तब कोर्ट ने पुलिस को आरोपियों को पेश करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में सभी को जेल भेज दिया। बेड़ो थाना पुलिस ने बताया कि चारों आरोपियों से पूछताछ करने के लिए पुलिस फिर से उनलोगों को रिमांड पर लेगी, ताकि मामले का और खुलासा किया जा सके।