- डीआइजी ने दोनों को पुष्प गुच्छ और 25-25 हजार रुपये देकर किया सम्मानित

JAMSHEDPUR: घाटशिला के गुड़ाबांदा में सक्रिय कान्हू मुंडा के नक्सली दस्ते को छोड़कर भागे मंगल टुडू और उसके महिला सहयोगी ने गुरुवार को गोलमुरी पुलिस लाइन में कोल्हान डीआइजी शंभू ठाकुर, जिला उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनूप टी मैथ्यू, ग्रामीण एसपी एम। अर्शी , सीआरपीएफ बटालियन-क्9फ् के कमांडेट पीके सिंह समेत अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में आत्मसमर्पण कर दिया।

जमशेदपुर में दो नक्सलियों का आत्मसमर्पण पहली बार हुआ है। इस मौके पर 'नई दिशाएं' के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में कोल्हान डीआइजी ने मुख्यधारा में लौटने वाले दोनों नक्सलियों का स्वागत पुष्प गुच्छ और ख्भ्-ख्भ् हजार रुपये का चेक देकर किया। डीआइजी शंभू ठाकुर ने कहा कि देश, समाज और पुलिस के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। दूसरे नक्सलियों से भी आग्रह होगा कि वे सरकार की आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति का लाभ उठायें। समाज के जिम्मेदार नागरिक बनें। कुछ दिनों पूर्व रांची में झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़ और इससे सटे राज्यों की पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें विशेष रूप से नक्सलियों को मुख्यधारा में वापस लाने, उग्रवादी संगठनों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई समेत अन्य मामलों पर चर्चा हुई थी। जमशेदपुर पुलिस ने दो नक्सलियों को सरेंडर कराने की दिशा में सार्थक प्रयास किया। जमशेदपुर के एसएसपी और उनकी टीम ने अच्छा कार्य किया।

जिला उपायुक्त अमित कुमार ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत दो नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में पुलिस के प्रयास की सराहना की। कहा कि यह मील का पत्थर साबित होगा।

जमशेदपुर के एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान तो लगातर जारी रहेगा लेकिन समाज से भटके लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने का प्रयास भी होता रहेगा। जो भी भटक गये हैं, वे वापस लौट आयें। यह उनके लिए भी अच्छा होगा। एसएसपी ने बताया कि दोनों नक्सलियों की सूचना पर पुलिस ने गुड़ाबांदा के जियांगडुंगरी में विशेष अभियान चलाया था जिसमें पुलिस को बड़ी सफलता मिली। नक्सलियों के कई सामान बरामद किये गये। कार्यक्रम का संचालन मुख्यालय एक के डीएसपी केएन मिश्रा और धन्यवाद ज्ञापन ग्रामीण एसपी एम। अर्शी ने किया।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को क्या-क्या मिलेगा

शहर में घर बनाने को मिलेगी जमीन, इंदिरा आवास का मिलेगा लाभ, दो-दो लाख रुपये, प्रतिमाह साढ़े तीन हजार रुपये और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) पद पर बहाल कराने का होगा प्रयास।