द्दढ्ढक्त्रढ्ढष्ठढ्ढ॥ : दस वर्षो से पुलिस के लिए सिरदर्द बना झारखंड-बिहार सीमांत क्षेत्र का नक्सली जोनल कमांडर कुंवर उर्फ राजकुमार यादव उर्फ बशीर दा को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के दौरान बशीर दा सोमवार की रात विस्फोटक सामग्री के साथ दबोचा गया। बशीर भेलवाघाटी नरसंहार, चिलखारी नरसंहार, कैदी वाहन ब्रेक कांड जैसे कई बड़े मामलों में संलिप्त रहा है। कुल मिलाकर बशीर तीन दर्जन से अधिक लोगों और जवानों की हत्या में शामिल रहा है।

ये सामान हुए बरामद

बशीर गिरिडीह जिले के गावां थाना के कोनी गांव निवासी भीम महतो का पुत्र है। उसके पास से एक केन बम, दो स्टील केन बम, दस जिलेटिन, पांच डेटोनेटर, कोडेक्स तार, साढ़े तीन किलो अमोनियम नाइट्रेट एवं अमोनियम डस्ट बरामद हुआ।

माओवादियों की थी बैठक

दरअसल एसपी कुलदीप द्विवेदी को सूचना मिली थी कि देवरी के गुनियाथर जंगल के टीला के पास माओवादी किसी घटना को अंजाम देने के लिए बैठक करनेवाले हैं। एसपी द्विवेदी के मुताबिक इसी सूचना पर पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। वहां भतुआकुड़ा टीला के पास करीब 15-20 माओवादी थे। संभवत: स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य चिराग दा, सिद्धू कोड़ा, सुरंग दा, पिंटू राणा, शांति आदि भी होंगे। पुलिस की घेराबंदी की भनक पाकर वे लोग भाग निकले। मौके पर सिर्फ बशीर दा पकड़ा गया।

प्रोन्नति की आस में मिली जेल

पूछताछ में पुलिस के समक्ष खुलासा हुआ कि बशीर की संगठन में अनुभव के बूते शीघ्र ही बिहार-झारखंड सीमांत कमेटी से स्पेशल एरिया कमेटी में प्रोन्नति होनेवाली थी मगर इसके पूर्व ही वह गिरिडीह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बशीर का कार्यक्षेत्र झारखंड-बिहार सीमांत क्षेत्र ही रहा है। बशीर संगठन का थिंक टैंक था। संगठन में युवाओं को भर्ती कराने में भी उसकी अहम भूमिका थी।

इन बड़े मामलों में था आरोपी

- वर्ष 2005 में देवरी थाना क्षेत्र में हुए भेलवाघाटी नरसंहार, 15 लोगों की हुई थी हत्या।

- वर्ष 2007 में देवरी हुए चिलखारी नरसंहार, 19 लोगों की हुई थी हत्या, 22 हुए थे जख्मी।

- वर्ष 2012 में देवरी में सोन्द्रे नदी पुल पर पुलिस को उड़ाने के लिए लैंड माइंस लगाने में।

- वर्ष 2012 में मुफस्सिल क्षेत्र में घटित कैदी वाहन बे्रककांड में

- वर्ष 2013 में भेलवाघाटी में पुलिस पार्टी पर फाय¨रग करने के मामले में।

- जमुई के विभिन्न थानों में दर्ज मामलों में।

- खैरा थाना में खैरा प्रखंड कार्यालय को बम लगाकर ध्वस्त करने, खैरा में ही हरवे-हथियार से लैस होकर पुलिस पर हमला करने, खैरा में ही आठ मजदूरों को फिरौती के लिए अपहरण करने, खैरा में ही पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने एवं विद्यालय भवन को बम से उड़ाने के मामले में।