RANCHI: नक्सलियों ने 25 अप्रैल से पांच दिनों की बंदी का आह्वान किया है। जाहिर है झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडि़शा में 29 अप्रैल तक लंबी दूरी की गाडि़यां और ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहेगा। ऐसे में आप यदि लंबी दूरी का सफर करने वाले हैं, तो अपना रूट जरूर देख लें। संभव हो तो यात्रा की तिथि भी आगे-पीछे कर सकते हैं। अपने शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ नक्सली हिंसक वारदातों को अंजाम देने का प्रयास करेंगे। हालांकि माओवादी बंदी के दौरान पुलिस फोर्स गश्त करेगी।

लंबी दूरी की गाडि़यां नहीं चलेंगी

भाकपा माओवादी नक्सलियों द्वारा बंद के मद्देनजर झारखंड की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। लंबी दूरी के वाहन नहीं चलेंगे। कोयला ढुलाई से लेकर कच्चे सामग्री के आयात-निर्यात पर भी प्रभाव पड़ेगा।

यहां रहेगा असर

खूंटी, गुमला, लातेहार, चतरा, कोडरमा, पलामू, रनिया, तोरपा, अड़की, मुरहू, चाईबासा, चक्रधरपुर, पलामू, बोकारो।

ठप होगा कारोबार

नक्सली बंदी से झारखंड के आर्थिक विकास की गति प्रभावित होगी। करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित होगा। नक्सल प्रभावित इलाकों में बाजार, बैंक और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।

सतर्क है रेलवे

नक्सलियों के बंद की खबर सुनने के बाद रेलवे प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है। कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रेनों को चलाया जा रहा है। लंबी दूरी एवं महत्वपूर्ण ट्रेनों में आरपीएफ जवानों को तैनात कर दिया गया है।

झारखंड पुलिस अलर्ट

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह एडीजी एसएन प्रधान ने बताया कि माओवादियों की पांच दिनों की नक्सली बंदी को लेकर झारखंड के जिलों के एसपी को अलर्ट कर दिया गया है। इस दौरान जगुआर, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कांबिंग ऑपरेशन चलाने का निर्देश दिया गया है।

क्या कहते हैं बस ओनर

नक्सली बंदी पर राज्य सरकार की पुलिस द्वारा कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है। ऐसे में मालिक बसों का परिचालन खुद बंद कर देते हैं, ताकि नक्सली बंदी में कोई नुकसान न उठाना पड़े।

-कृष्णमोहन सिंह, प्रेसिडेंट, बस ओनर्स एसोसिएशन