वर्चस्व की इस खूनी जंग में टीपीसी ने 15 भाकपा माओवादियों की हत्या कर दी, वहीं 25 नक्सलियों को बंधक बना लिया है। मारे गए  मारे गए माओवादियों में झारखंड-बिहार मध्य जोन के सेक्रेटरी, प्लाटून कमांडर, जोनल कमांडर और डिप्टी कमांडर शामिल है। पुलिस ने दस माओवादियों के शव बरामद कर लिए हैं.इसके अलावे एक एके 47, पांच रायफल, तीन हैंड ग्रेनेड और दर्जनों कारतूस व खोखे भी मिले हैं। इधर, हजारीबाग कमिश्नरी के आईजी मुरारीलाल मीणा, डीआईजी सुमन गुप्ता, सीआरपीएफ के डीआईजी वीरेंद्र टोप्पो स्पॉट पर कैंप कर रहे हैं।

फिर से टकराव की आशंका

 

2004 से ही दोनों नक्सली संगठनों के बीच वर्चस्व को लेकर खूनी जंग हो रही है। दोनों ओर से अबतक दो सौ से भी अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। टीपीसी द्वारा 15 माओवादियों की हत्या किए जाने के बार फिर से इस एरिया में खूनी टकराव की आशंका बढ़ गई है। चतरा डिस्ट्रिक्ट में माओवादियों और टीपीसी के आपसी टकराव की आशंका को देखते हुए सीआरपीएफ और आम्र्ड पुलिस के जवान लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

हेलीकॉप्टर जलाने का आरोपी

भाकपा माओवादी ललेश उर्फ प्रशांत उर्फ छोटे सरकार उर्फ लीला उर्फ छोटे साहब पर 2005 में इलेक्शन कैंपेन क दौरान बीजेपी के तत्कालीन नेशनल प्रेसिडेंट वेंकैया नायडू का हेलीकॉप्टर जलाने का आरोप है। बिहार के गया  के बाराचट्टी थाना एरिया के चांदो गांव का रहनेवाला ललेश  14 साल की उम्र में वर्ष 2003 में संगठन में शामिल हुआ था। लीला ने 2004 में  चौपारण उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। सेंकेंड डिवीजन से मैट्रिक पास करने के बाद उसे संगठन में मारक दस्ते के सदस्य के रूप में प्रमोशन मिली थी।

इन माओवादियों की पहचान

जोनल कमांडर वीरू उर्फ धर्मेंद्र यादव, अजय यादव उर्फ भोला यादव, डिप्टी कमांडर जय कुमार यादव, प्रफुल्ल यादव, मिडिल जोन का सेक्रेटरी व बिहार-झारखंड में दस्ते का मेंबर ललेश उर्फ प्रशांत, अल्बर्ट उर्फ विजय गंझू, धनंजय भुईंया, प्रफुल्ल पासवान, प्रमोद कुमार टंडवा और जितेंद्र।