क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:सिटी के क्रिमिनल्स रंगदारी वसूली के रुपए को सूद के धंधे में लगाकर सीधे 10 गुणा करने का खेल बेखौफ खेल रहे हैं. जगन्नाथपुर थानाक्षेत्र में ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़े मामले की जांच में यह खुलासा हुआ है. पुलिस ने राजन सिंह नामक आरोपी को गिरफ्त में लेकर पूछताछ की है जिसने सूद पर रुपए देकर विक्टिम परिवार की बेटी को ही उठा लिया और उसे लेकर दिल्ली चला गया. छानबीन में पता चला है कि उसके नेटवर्क में कई अपराधी भी शामिल हैं जो उसे सूद पर लगाने के लिए रुपए देते हैं. उनके दहशत के साथ पुलिस की सह के कारण धंधा तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालात यहां तक गंभीर हो गए हैं कि इन अपराधियों ने अपने परिवार के लोगों पत्नी, भाई, बहन के साथ-साथ अपने गुर्गो को भी सूद वसूली के कारोबार में लगा दिया है. इनके निशाने पर छोटे कारोबारी व फुटपाथ दुकानदार होते हैं, जो प्रतिदिन इन अपराधियों को सूद का भुगतान करते हैं. इसके अलावा मजदूर, कुली, बढ़ई, रिक्शा चालक, देसी शराब विक्रेता, चाउमिन विक्रेता समेत कई छोटे-मोटे काम करने वाले लोग इन अपराधियों की सूदखोरी के धंधे का शिकार बनकर इनको मोटी कमाई करा रहे हैं.

ऐसे चलता है सूदखोरी का धंधा

सूदखोरी के धंधे को चलाने के लिए अपराधी पहले छोटे कारोबारियों से रंगदारी की डिमांड करते हैं. रंगदारी नहीं होने का रोना रोने वाले लोगों को कारोबार बढ़ाने के लिए या अन्य जरूरतों के लिए 10 हजार से लेकर लाखों रुपए उधार दिए जाते हैं. इस उधार के रुपए पर सीधे 10 प्रतिशत मासिक सूद लगाया जाता है, जिसे 30 दिन में बांटकर डेली वसूली की जाती है.

10 माह में रुपए डबल का चक्कर

इन क्रिमिनल्स की पहुंच शहर के कुछ बड़े कारोबारियों तक भी होती है. यह लोग उनसे 10 माह में रुपए डबल करने का लोभ देकर रुपए वसूलते हैं और उसे मीडियेटर बनकर किसी छोटे कारोबारी को सूद पर उधार दे देते हैं. फिर इन रुपए का सूद भी उन्हें 3-4 माह तक मासिक मिलता रहता है लेकिन उसके बाद अपराधी सारे रुपए की बंदरबांट कर हिसाब खत्म कर देते हैं, जिसके कारण बड़े कारोबारियों में काफी शिकायतें हैं.

पूरी सिटी बंटी है सूदखोरों के धंधे में

सूदखोरी के इस धंधे को चलाने के लिए इन क्रिमिनल्स ने रांची को विभिन्न एरिया में बांट लिया है. हर इलाके में अलग अलग लोग सूदखोरी के इस धंधे को चला रहे हैं जिन्हें अपराधियों का संरक्षण मिल रहा है. पुलिस को सूचना मिली है कि कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा और बिट्टू मिश्रा की पत्नी रीता सूदखोरी के धंधे को ऑपरेट कर रही हैं. दोनों के आपसी झगड़े भी हो चुके हैं जिससे संबंधित शिकायत पंडरा थाना में दर्ज है. इन दोनों अपराधियों के अलावा कई अन्य अपराधी भी इस धंधे में लिप्त हैं, जिनकी सूचना पुलिस खंगाल रही है.

वर्जन

पुलिस अपराधियों की धन उगाही के सारे धंधे बंद कराने का प्रयास कर रही है. इन लोगों की रंगदारी नेटवर्क को ध्वस्त किया जा रहा है. सूद के धंधे में निवेश की सूचनाएं पहले मिली हैं, जिसके बाद संबंधित थानों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं. पुलिस जल्द ही अपराधियों के इस नेटवर्क को ध्वस्त कर देगी.

एवी होमकर, डीआईजी, रांची

केस- 1

मैनें 20 हजार रुपये सूद पर लिया था. शुरु में ही 2000 रुपया सूद काटकर मुझे 18000 रुपया दिया गया. हर माह 2000 रुपया भरते रहा. बाद में जब रुपया लौटाना चाहा तो मुझे रुपया देने के जगह पर सूद का रुपया भुगतान करने के लिए कहा गया. मैनें इंकार किया तो मुझे जान से मारने की धमकी दी गयी.

संतोष कुमार

सब्जी विक्रेता

केस -2

मैनें रुपये मांगे भी नहीं थे लेकिन राजन ने मुझे जबरन मदद कहकर रुपया दिया गया. बाद में मुझसे रुपये मांगने लगा लेकिन मेरे पास थे ही नहीं तब उसने हर माह सूद देने की बात कही. दो माह का सूद नहीं दे पायी तो मेरी बेटी को जबरदस्ती घर से उठाकर ले गया. पुलिस मेरी बेटी को गाजियाबाद से तलाश कर रांची लायी.

पीडि़ता

जगन्नापुर थानाक्षेत्र