RANCHI: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीइआरटी) की किताबें नहीं मिल रही हैं। डोंट वरी। 9 अगस्त से ये सस्ती किताबें आपके घर तक पहुंचने वाली हैं। जी हां, एनसीइआरटी की किताबें सभी को सुलभ कराने के लिए सरकार ऑनलाइन पोर्टल लांच करने जा रही है। किताबें ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए सरकार अमेजन और फ्लिपकार्ट से करार करेगी। इसके तहत स्कूल और पेरेंटस भी किताबों को ऑनलाइन आर्डर कर सकेंगे और किताबें उनके घर पर डिलीवर हो जाएंगी। सरकार की इस कवायद का मकसद सभी को सस्ती एनसीइआरटी की किताबें सुलभता से उपलब्ध कराना है। एचआरडी मिनिस्ट्री से जुड़े एक वरीय अधिकारी ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि स्कूल हमें किताबों की जरूरत का प्री आर्डर करेंगे, जिससे हम उन्हें समय पर किताबों की डिलीवरी कर सकें।

प्रिंटर्स की संख्या भी बढ़ाएगी सरकार

सूत्रों ने बताया कि सरकार इनकी और प्रिंटर्स की संख्या भी बढ़ाने जा रही है। एक आकलन के मुताबिक, ब्ख्.भ् मिलियन एनसीइआरटी की किताबों का उपयोग सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूलों में होता है। यह संख्या क्फ्0 मिलियन तक जा सकती है। ऑनलाइन पोर्टल एनसीइआरटी को यह जानने में भी मदद करेगा कि उसे कितनी किताबें छापने की जरूरत है।

फैक्ट फाइल

-एनसीइआरटी की एक किताब का मैक्सिमम रेट भ्0 रुपए होता है, जबकि प्राइवेट पब्लिशर्स की किताब का मूल्य फ्00 रुपए

-देश में हर साल तेरह करोड़ पाठयपुस्तकों का इस्तेमाल होता है। अगर इसे प्राइवेट पब्लिशर्स से खरीदा जाए तो इसका बाजार मूल्य करीब फ्900 करोड़ रुपए होता है।

-एनसीइआरटी प्रतिवर्ष हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू में फ्म्ब् किताबें प्रकाशित करता है। ये देशभर में एनसीइआरटी के म्80 ऑथोराइज्ड वेंडर्स के जरिए स्कूलों और स्टूडेंटस तक पहुंचती हैं।