- यूपी बोर्ड के विद्यालयों में एनसीआरटीई की किताबों से ही होगी पढ़ाई

- डीआइओएस ने शासन से अधिकृत पांच प्रकाशकों की सूची जारी कर दी चेतावनी

बरेली : निजी स्कूलों की मनमानी रोकने में शिक्षा विभाग के अफसर नाकाम रहे. लेकिन यूपी बोर्ड के विद्यालयों के पेच कस रहे हैं. डीआइओएस ने यूपी बोर्ड के विद्यालयों में एनसीआरटीई की किताबों को लगाने के लिए अधिकृत प्रकाशकों की सूची भेज दी है. जिसके उलंघन पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.

47 किताबें निर्धारित

दरअसल पिछले साल से यूपी बोर्ड ने नवमीं से 12 वीं तक की कक्षाओं में एनसीआरटीई की किताबों से विद्यालयों में पढ़ाई शुरू कराई. अब नए शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए एनसीआरटीई की 47 किताबें पढ़ाई जाएंगी. शासन ने इन किताबों के लिए निर्धारित पांच प्रकाशकों को अधिकृत किया है. जिनमें नवमीं व दसवीं की विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व गणित की किताबें और 11 वीं व 12 वीं की भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान, गणित, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र व समाजशास्त्र की शामिल रहेंगी. इन किताबों का मूल्य मात्र 11 से 75 रुपये तक है. डीआइओएस डॉ. अचल कुमार मिश्र ने बताया, एनसीआरटीई की किताबों को खरीदने के लिए सभी प्रधानाचार्यो को अपने विद्यार्थियों से कहना होगा. विद्यालय में पुस्तक मेला लगवाकर इन किताबों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.

गाइड के नाम पर भी खेल

एनसीईआरटी की किताबों के साथ गाइड खरीदने का दवाब बनाकर अभिभावकों की जेब ढीली की जा रही है. क्योंकि गाइड के बिना किताब नहीं दी जा रही. ऐसे में अफसरों के निर्देश के बाद भी निजी प्रकाशकों की मनमानी यूपी बोर्ड के स्कूलों में भी सामने आ रही हैं. जिसे रोकने में फिलहाल अफसर नाकाम दिख रहे हैं.

इन प्रकाशकों को किया अधिकृत

प्रयागराज के राजीव प्रकाशन व जनरल आफसेट, आगरा के रवि आफसेट व आलोक प्रिंटर्स, झांसी के पीताबंरा बुक्स प्राइवेट लिमिटेड को अधिकृत किया है.