अब बच्चों को मत मारना

आने वाले दिनों में किसी बच्चे को फिजिकली पनिश करना आपको भारी पड़ सकता है क्योंकि भारत सरकार बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए एक कानून को पास कर सकती है. इस कानून में कॉलेज में बच्चों की रैगिंग को रोकने का इंतजाम कर लिया गया है. नए कानून में रैगिंग करने पर तीन सालों की सजा हो सकती है. दरअसल सरकार जुवेनाइल एक्ट 2000 की जगह जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रॉटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन बिल 2014 को लाने की तैयारी में है. नए ड्रॉफ्ट में बच्चों के अधिकारों के साथ इंटरनेशनल कानूनों को भी ध्यान में रखा गया है.

शारीरिक दंड है अपराध

नए कानून में शारीरिक दंड देना एक अपराध में शामिल किया गया है और इसके लिए पांच साल की कैद भी हो सकती है. इस नए कानून को केबिनेट की मंजूरी मिल जाने के बाद संसद में ले जाया जाएगा जहां कानून के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा होगी. गौरतलब है कि इस कानून में शारीरिक दंड में जुबानी प्रताड़ना भी शामिल है. इस कानून में दोषी सिद्ध होने पर जुर्माने के साथ जेल टर्म छह महीने तक किया जा सकता है और दूसरी बार पकड़े जाने पर सजा तीन साल से पांच साल तक हो सकती है.

बच्चों को नही मिलेगी सजा

मोदी सरकार की अनुमति मिलने और संसद से पास होने के बाद भारत विश्व के उन चालिस देशों में शामिल हो जाएगा जहां बच्चों को सजा देने पर प्रतिबंध है.

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