- गुस्साते लोगों को भी लगा रहे राहत का मरहम

- बाढ़ पीडि़तों की मदद में लगी है एनडीआरएफ

GORAKHPUR: बाढ़ की आपदा झेल रहे लोगों को हर मुसीबत झेलकर भी एनडीआरएफ जवान मदद पहुंचा रहे हैं। आपदा के कहर से जूझ रही पब्लिक को जहां जिम्मेदार झिड़क दे रहे हैं, वहीं एनडीआरएफ के जवान बिना किसी रिएक्शन के गुस्साए लोगों को राहत का मरहम लगा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में शिद्दत से जुटे सैनिकों और एनडीआरएफ जवानों से पुलिस को सबक लेना चाहिए। 24 घंटे पब्लिक के बीच में रहने के बावजूद तमाम पुलिस कर्मचारी पब्लिक संग बदसलूकी से बाज नहीं आ रहे हैं। उनको पब्लिक के साथ ठीक से पेश आने की हिदायत रोजाना अफसरों को देनी पड़ती है।

छह दिनों से राहत में लगी एनडीआरएफ

रोहिन नदी के किनारे मानीराम-बनरहां बांध टूटने से बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है। करीब 30 किलोमीटर के दायरे में मोहल्ले बाढ़ में डूबे हैं। 16 अगस्त की रात मानीराम-बनरहां बांध करमहां कला के पास दो जगहों पर कट गया। बांध कटने के बाद इस इलाके में सैलाब नजर आ रहा है। लोगों के बाढ़ में घिरने की सूचना पर जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ को बुला लिया। 17 अगस्त को पहुंचे एनडीआरएफ के जवान लोगों की मदद में लगे हुए हैं।

भूख ने बढ़ाया गुस्सा, थम नहीं रहा आक्रोश

दो दिनों से पानी में फंसे लोगों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया। मकानों की छतों पर फंसे लोग राहत की बाट जोहते रहे। शुरुआती दो दिनों में समय से मदद न मिलने पर लोगों का गुस्सा भी भड़कता रहा। 18 अगस्त तक कई जगहों पर पीने के लिए पानी और भोजन का पैकेट नहीं पहुंच सका। इस वजह से आक्रोशित पब्लिक मदद में लगे जवानों से भिड़ने लगी। बालापार-टिकरिया रोड के विशुनपुर, जमुनिया में एनडीआरएफ की टीम पर पथराव हुआ। शिवपुर में पहुंची टीम पर लोगों ने पत्थर फेंके। लेकिन एनडीआरएफ के जवान बिल्कुल कूल बने रहे।

गुस्सा भड़का रहे राजस्व कर्मचारी

बाहर से आई रेस्क्यू टीम लोकल गाइड के जरिए लोगों तक पहुंच जा रही है। लोगों को यकीन है कि एनडीआरएफ और सेना की पूरी मदद मिल जाएगी। लेकिन इनको भी लोकल राजस्व कर्मचारियों की ठीक से मदद नहीं मिल रही है। राहत कैंपों में अपनी ड्यूटी निभा रहे राजस्व कर्मचारी मनमानी पर उतारू हैं। उनकी बोली से बरबादी झेल रही पब्लिक अपनी नाराजगी एनडीआरएफ पर उतार रही है। तमाम दुश्वारियां झेलकर जवान पीडि़तों की मदद में लगे हुए हैं।

वर्जन

कई जगहों पर गुस्साएं लोग प्रतिकार कर रहे हैं। ऐसे में हमारी पहली जिम्मेदारी है कि हम सभी को राहत पहुंचाएं। मुसीबत में फंसे लोग तरह-तरह के रिएक्शन करते हैं। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके परिवार के सदस्य बनकर हर संभव मदद करें। - रोहित भारद्वाज, इंस्पेक्टर, एनडीआरएफ

आपदा में फंसे लोगों को राहत पहुंचाना हमारा मुख्य उद्देश्य है। हमारी पहली कोशिश होती है कि हम पब्लिक की हर संभव मदद कर सकें। भोजन-पानी, प्राथमिक उपचार मुहैया कराकर उनको राहत दें। लोगों की सहायता से ड्यूटी के साथ-साथ इंसानियत का फर्ज भी निभाने का मौका मिलता है।

पीएल शर्मा, कमांडेंट, एनडीआरएफ