- जीवन रक्षक है दुपहिया वाहनों पर हेलमेट व कारों में सीट बेल्ट
- पुलिस के डर से लोग करते हैं हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग
मेरठ : शहर में 60 प्रतिशत लोग बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के सड़क पर वाहन दौड़ा रहे हैं। वह जानते भी हैं कि ऐसा करने से वह अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। लेकिन वह ऐसा क्यों कर रहे हैं। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
क्या है एक्ट
मोटर व्हीकल एक्ट में प्रावधान है कि दुपहिया वाहन चलाते वक्त हेलमेट व कारों चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल किया जाए। अगर कोई बिना हेलमेट का दुपहिया वाहन चलाता है या बिना सीट बेल्ट के कार चलाता है तो उसका चालान किया जाए।
किया जाता है जागरूक
लोगों को दोपहिया वाहनों पर हेलमेट व कारों में सीट बेल्ट लगाने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाता है। स्कूल में छात्र- छात्राओं को दुपहिया वाहन चलाने पर हेलमेट के प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। लेकिन टशन के कारण ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करते हैं।
चार महीने में 8400 चालान
टीआई सुनील कुमार का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस सबसे ज्यादा बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के लिए चालान काटती है। लोग आसानी से हाथों हाथ जुर्माना भरने को तैयार रहते हैं। लेकिन हेलमेट का प्रयोग नहीं करते। उन्होंने बताया कि बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के पिछले चार महीनों में 8400 चालान काटें जा चुके हैं।
पकड़े गए तो भरें जुर्माना
बिना हेलमेट - रु100
बिना सीट बेल्ट- रु100
मोबाइल है खतरनाक
लोग जानते हुए भी वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात करते हैं। वह अपने साथ दूसरे की जिंदगी से भी खिलवाड़ करते हैं।
हेलमेट व सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने के लिए हर पंद्रह दिन में ट्रैफिक पुलिस द्वारा अभियान चलाया जाता है। बिना हेलमेट व सीट बेल्ट का प्रयोग न करने पर चालान भी काटे जाते हैं।
-जे .रविंद्र गौड़ एसएसपी मेरठ