PATNA : बिहार में शराब के लिए जब सारे रास्ते बंद हो गए तो नेपाल के रास्ते खुल गए हैं, जहां से शराब की बड़ी खेप लाई जा रही है। इसके लिए अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह काम कर रहा है जिसमें नेपाल के साथ भारतीय मूल के तस्कर भी शामिल हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बॉर्डर पर चौकसी के बाद भी तस्करों ने अप्रैल में एक हजार लीटर से अधिक शराब बिहार में खपा दी है।

हालांकि एसएसबी की चौकसी से लगभग तीन हजार लीटर शराब की बरामदगी हुई है और आधा दर्जन से अधिक कारोबारियों को गिरफ्तार भी किया गया। इसके बाद भी बॉर्डर पर चौकसी के बाद भी शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लग रहा है। मंगलवार को भी एसएसबी के हाथों गिरोह का एक सदस्य लगा है, जो बड़ी मात्रा में शराब के पकड़ा गया। हैरत की बात यह है कि शराब लाने के सारे रास्ते जानने के बाद भी यह धंधा बदस्तूर जारी है। इस खेल का सनसनीखेज खुलासा कर रहा है आई नेक्स्ट, जो चौंकाने वाला है।

सुरक्षा तंत्र को भी छका रहे

शराब के तस्कर सुरक्षा तंत्र की आंख में धूल झोंक रहे हैं। वह इसके लिए ऐसे रास्तों का चयन करते हैं जहां एसएसबी की चौकसी थोड़ी कम रहती है। खासकर, रक्सौल और सीतामढ़ी के साथ जयनगर का बॉर्डर इनके लिए काफी मुफीद है। गैर परम्परागत रास्तों से शराब की खेप लाने के लिए अलग अलग ट्रिक अपनाते हैं जिसपर किसी का ध्यान भी नहीं जाता है। सूत्रों की मानें तो बॉर्डर से शराब बिहार की सीमा में पहुंचने तक कई लोगों का चैनल काम करता है।

महिलाओं को बनाया कैरियर

शराब तस्करी के लिए गिरोह ने महिलाओं और बच्चों को अपना कैरियर बना लिया है। गांव की गरीब भोली भाली महिलाओं के सहारे शराब की खेप को बॉर्डर पार करा दिया जाता है। बॉर्डर पार होते ही यहां भारतीय सीमा में गिरोह के सदस्य अपने अनुसार सुरक्षित ठिकानों पर उसे स्टोर करते हैं और फिर डिमांड के हिसाब से सप्लाई करते हैं। बच्चों और महिलाओं का इस धंधे में इस्तेमाल सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए किया जा रहा है।

ऐसे पार होते हैं बॉर्डर

शराब तस्करों ने एक अलग प्रकार की बॉडी फिटिंग तैयार कराई है। वह इसे शरीर के विभिन्न अंगों जैसे पेट, पैर और पीठ में बांध लेते हैं। इसके बाद वह इसमें शराब की बोतलों को रखकर ऊपर से कपड़ा पहन लेते हैं। इससे किसी को शक नहीं होता है। पहले इस तकनीक का इस्तेमाल चरस तस्करी के लिए किया जाता था। इसमें सबसे अधिक महिलाओं को हथियार बनाया जा रहा है क्योंकि कपड़े की इस फिटिंग के बाद जब वह साड़ी पहनती हैं तो पता नहीं चलता है। एसएसबी को इसकी भनक है और वह इस गिरोह की तलाश में लगी है।

पूछताछ में खुलासा

एसएसबी ने मंगलवार को सीतामढ़ी से एक शराब तस्कर को क्भ् लीटर नेपाली शराब के साथ पकड़ा है। लालबूंदी क्षेत्र से पकड़ा गया तस्कर बाइक से शराब की बोतलों को शरीर में कपड़े के सहारे फिटिंग में बांधकर ला रहा था। पूछताछ में बताया है कि वह काफी दिनों से इस धंधे में लिप्त है। बिहार में जब से शराबबंदी हुई है वह भारी मात्रा में शराब की खेप पहुंचा चुका है। उसने यह भी खुलासा किया है कि पांच सौ की एक बोतल पर पांच सौ रुपए का मुनाफा हो जाता है। एसएसबी और बिहार पुलिस उसके नेटवर्क में शामिल तस्करों को खोज रही है।

शराबबंदी के बाद नेपाल से तस्कर सक्रिय हुए हैं। जवानों की सक्रियता से एक माह में हजारों लीटर शराब बरामद की गई है। मंगलवार को भी इस क्रम में एक को पकड़ा गया है। अभियान और तेज कर गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया जाएगा।

-एनसी शर्मा, सहायक प्रचार अधिकारी, सीमांत मुख्यालय एसएसबी पटना