प्रभावी न होने की बात कही
इस भयावह हादसे में मिल रहे मृतकों के शवों को देखते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने कहा है कि मृतकों की सख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है. उनका कहना है कि घायलों की संख्या भी बढ सकती सकती है. हालांकि घायलों को उपचार देने की पूरी कोशिश हो रही है. इतना ही नहीं उन्होंने वहां हो रहे राहत एवं बचाव अभियान को भी जरूरत के मुताबिक प्रभावी न होने की बात कही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन यहां के हालात ऐसे हैं कि इस बचाव अभियान में लगे लोगों को काफी दिक्कते आ रही हैं. जिससे पीडित और भी ज्यादा परेशान हैं. नेपाल में भूकंप से करीब 60 जिले प्रभावित हुए हैं. जिनमें 9 जिलों में असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. वहीं इस हादसे में फंसे लोग काफी परेशान हैं.
मूलभूत जरूरतों पर संकट
बताते चलें कि नेपाल में बीते शनिवार को 7.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद से यहां बहुत बड़ी तबाही आ गई हैं. इस हादसे में मारे गए लोगों की संख्या लगभग 4,000 के पार हो गई है. अभी भी वहां पर शव मिलने का सिलसिला जारी है. इसके अलावा घायलों की संख्या भी काफी अधिक है. सड़कों से लेकर अस्पतालों में उनका उपचार किया जा रहा है. इस भयावह तूफान में घायलों के उपचार के लिए वहां पर तबुओं व जमीन में लिटाकर किसी तरह से उनका उपचार हो रहा है. इस भयावह भूकंप के बाद अब यहां भोजन, पानी, बिजली एवं दवाओं की भारी किल्लत हो रही है. इन मूलभूत जरूरतों पर संकट गहराता जा रहा है. इसके अलावा अभी यहां पर हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें अब तक ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं. हालांकि सरकार और सुरक्षा कर्मी पीड़ितों की मदद के लिए अथक प्रयास में लगे हैं.
अपनो को मलबे में तलाश रहे
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