Lucknow: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यूजीसी ने इस बार अपने एग्जाम का पैटर्न चेंज कर दिया। पिछली बार तक स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट से जुड़े सवालों का जवाब लिखित रुप से देना पड़ता था लेकिन इस बार यह आब्जेक्टिव हो गया था। इसकी वजह से ज्यादातर स्टूडेंट्स 2.30 घंटे के इस पेपर को 1.30 घंटे में ही हल करके बाहर निकल आए.
कुछ स्टूडेंट्स का कहना था कि यूजीसी का बदला हुआ पैटर्न काफी अच्छा था। इससे सवाल को समझने और उसका जवाब देने में काफी सहूलियत हुई। मगर कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी थे जिन्होंने इस पैटर्न को नकार दिया है। उनका कहना है कि इससे यूजीसी स्टूडेंट्स की तार्किक शक्ति का पता नहीं लगेगा। इसलिए इसको सब्जेक्टिव ही रखना चाहिए था।
अव्यवस्थाओं का रहा बोलबाला
बड़े बड़े दावों के बाद भी लखनऊ यूनिवर्सिटी में हो रहे यूजीसी नेट का एग्जाम अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दावा किया था कि जो स्टूडेंट्स नेट का एग्जाम बाहर से देने के लिए आ रहे हैं। उनको एग्जाम रुम तलाशने में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए कैंपस के अंदर जगह जगह पर उनकी मदद के लिए कमरा नम्बर और लोकेशन प्रिंट किए हुए नोटिस चस्पा किए जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
स्टूडेंट्स को अपने कमरे तलाशने में काफी मशक्कत करना पड़ी और टाइम भी वेस्ट करना पड़ा। इसके अलावा लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दूसरे जिलों से पेपर देने आए स्टूडेंट्स के लिए इस गर्मी में भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। जिसकी वजह से स्टूडेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
पेपर यहां पहुंच गए वहां
बाहर जिले से एग्जाम देने आए अनुराग आट्र्स फैकल्टी के एक कमरे में एग्जाम देना था लेकिन वह भटक गए और गेट नम्बर एक से चार पर पहुंच गए जहां पर उनको गार्ड ने बताया कि वह आट्र्स फैकल्टी पीछे छोड़ आए हैं। ऐसा कई स्टूडेंट्स के साथ हुआ जिसकी वजह से वह कमरे में देर से एग्जाम देने के लिए पहुंचे। एग्जाम से एक दिन पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दावा किया था कि स्टूडेंट्स को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए वह यूनिवर्सिटी के सभी गेटों पर कमरों की लोकेशन के नोटिस चस्पा करेगी.
मगर यह दावे भी खोखले निकले और स्टूडेंट्स को गर्मी में काफी देर तक यूनिवर्सिटी में भटकना पड़ गया। इसके साथ ही स्टूडेंट्स इंगलिश वर्जन पेपर में गलतियों की शिकायत भी की थी। स्टूडेंट्स का कहना था कि जो ट्रांसलेशन उनको दिया गया था उसमें कई गलतियां थी। इसके साथ ही जो सवाल उनसे हिन्दी में पूछे गए थे उसी सवाल के इंगलिश वर्जन में कई गलतियां भी थी.
दस परसेंट नहीं आए
नेट के एग्जाम के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी समेत 18 कॉलेजों को एग्जाम के लिए सेंटर बनाया गया था। जिसमें करीब 19760 कैंडीडेट्स को एग्जाम देना था। यह एग्जाम दो पालियों में आयोजित होना था। सुबह 9 से 12 और दोपहर 1.30 से 4 बजे तक। यूजीसी नेट के एग्जाम में करीब दस परसेंट अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। यूजीसी के पहले पेपर में कैंडीडेट का टीचिंग एप्टीट्यूड और जरनल नॉलेज चेक की जाती है जबकि सेकेंड पेपर में जो कैंडीडेट ने सब्जेक्ट सिलेक्ट किया होता है उससे जुड़े सवाल पूछे जाते है.
शांतिपूर्ण रहा यूपीएससी एग्जाम
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डे को यूजीसी नेट के साथ साथ यूपीएससी का एग्जाम था। इस एग्जाम में करीब 1500 कैंडीडेट्स ने पार्टीसिपेट किया। स्टूडेंट्स की कम संख्या को देखते हुए इसके लिए अलीगंज स्थित यूपीएससी भवन को ही इसका सेंटर बनाया गया था। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार इस एग्जाम में करीब 5 परसेंट स्टूडेंट्स अनुपस्थित रहे है.

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