Allahabad: ट्रेनों में सफर के दौरान इंटरनेट एसेस करने की उम्मीद लगाए बैठे पैसेंजर्स को ट्रेनों की हाईस्पीड ने झटका दिया है। जिन ट्रेनों में इंटरनेट फैसेलिटी इंट्रोड्यूज की जा चुकी है उसमें नेटवर्क की प्राब्लम ने रेलवे ऑफिसर्स के हौसले पस्त कर दिए हैं। यही कारण है कि एनसीआर की ट्रेनों में इंटरनेट फेसेलिटी को अभी तक इंट्रोड्यूज भी नहीं किया जा सका है. 

फरवरी में हुई थी घोषणा
फरवरी में एनाउंस किए गए बजट में वीआईपी ट्रेनों में इंटरनेट की फैसेलिटी का एनाउसमेंट रेलवे मिनिस्टर ने किया था। रेलवे ने कई राजधानी व शताब्दी ट्रेन में यह फैसेलिटी शुरू भी कर दी है। लेकिन, एनसीआर की कोई ट्रेन इसमें शामिल नहीं है। एनसीआर के सीनियर ऑफिसर्स ने बताया कि फस्र्ट फेज में इंडियन रेलवे की 50 ट्रेनों में इंटरनेट की फैसेलिटी दी जानी थी। कुछ ट्रेनों में स्टार्ट भी की जा चुकी है। लेकिन, इसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी की शिकायत पैसेंजर्स की ओर से की गई है। दरअसल, हो यह रहा है कि ट्रेनों की हाई स्पीड में इंटरनेट कनेक्शन बार-बार डिस्कनेक्ट हो जाता है। राजधानी व शताब्दी 120 से 140 किमी प्रति घंटा तक की स्पीड तक चलती हैं। ऐसे में इंटरनेट की कनेक्टिविटी कांटीन्यू नहीं बनी रह पा रही है। इससे पैसेंजर्स को भी चलती ट्रेन में इंटरनेट सर्फिंग में मजा नहीं आ रहा है. 

लेट हो सकता है project
ऑफिसर्स बताते हैं कि रेलवे द्वारा बेहतर इंटरनेट सर्विस पैसेंजर्स को देने का प्रॉमिस किया गया है। कनेक्टिविटी में जो प्रॉब्लम आ रही है, उसे दूर करने के लिए एक्सपर्ट टीम द्वारा काम किया जा रहा है। पता लगाया जा रहा है कि इस कांटीन्यूटी को कैसे बनाए रखा जाए? उन्होंने बताया कि राजधानी व शताब्दी के बाद अन्य वीआईपी ट्रेनों में इस सर्विस को स्टार्ट किया जाना था। कांटीन्यूटी की प्रॉब्लम आने के बाद बहुत चांस है कि नार्थ सेंट्रल रेलवे की जिन ट्रेनों में यह फैसेलिटी शुरू होनी थी, उन्हें लागू करने में देर हो जाए. 

फरवरी में हुई थी घोषणा

फरवरी में एनाउंस किए गए बजट में वीआईपी ट्रेनों में इंटरनेट की फैसेलिटी का एनाउसमेंट रेलवे मिनिस्टर ने किया था। रेलवे ने कई राजधानी व शताब्दी ट्रेन में यह फैसेलिटी शुरू भी कर दी है। लेकिन, एनसीआर की कोई ट्रेन इसमें शामिल नहीं है। एनसीआर के सीनियर ऑफिसर्स ने बताया कि फस्र्ट फेज में इंडियन रेलवे की 50 ट्रेनों में इंटरनेट की फैसेलिटी दी जानी थी। कुछ ट्रेनों में स्टार्ट भी की जा चुकी है। लेकिन, इसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी की शिकायत पैसेंजर्स की ओर से की गई है। दरअसल, हो यह रहा है कि ट्रेनों की हाई स्पीड में इंटरनेट कनेक्शन बार-बार डिस्कनेक्ट हो जाता है। राजधानी व शताब्दी 120 से 140 किमी प्रति घंटा तक की स्पीड तक चलती हैं। ऐसे में इंटरनेट की कनेक्टिविटी कांटीन्यू नहीं बनी रह पा रही है। इससे पैसेंजर्स को भी चलती ट्रेन में इंटरनेट सर्फिंग में मजा नहीं आ रहा है. 

लेट हो सकता है project

ऑफिसर्स बताते हैं कि रेलवे द्वारा बेहतर इंटरनेट सर्विस पैसेंजर्स को देने का प्रॉमिस किया गया है। कनेक्टिविटी में जो प्रॉब्लम आ रही है, उसे दूर करने के लिए एक्सपर्ट टीम द्वारा काम किया जा रहा है। पता लगाया जा रहा है कि इस कांटीन्यूटी को कैसे बनाए रखा जाए? उन्होंने बताया कि राजधानी व शताब्दी के बाद अन्य वीआईपी ट्रेनों में इस सर्विस को स्टार्ट किया जाना था। कांटीन्यूटी की प्रॉब्लम आने के बाद बहुत चांस है कि नार्थ सेंट्रल रेलवे की जिन ट्रेनों में यह फैसेलिटी शुरू होनी थी, उन्हें लागू करने में देर हो जाए.