क्या कहते हैं स्थानीय निवासी

बाइकर्स ने इंदिरा नगर की पुलिस चौकी रोड को नेशनल हाइवे बना दिया है। इतनी स्पीड से गाड़ी चलाई जाती है कि हर वक्त एक्सीडेंट का अंदेशा बना रहता है। सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हो रखे हैं। सीनियर सिटीजन को इन खस्ताहाल सड़कों पर चलने में काफी प्रॉब्लम होती है। संबंधित अधिकारियों को प्रॉब्लम्स के बारे में कई बार बताया गया है, फिर भी प्रोब्लम्स जस की तस बनी हुई हैं।

-कर्नल पीएल पराशर

डॉग्स और पिग्स गलियों में घूमते रहते हैं। पॉश एरिया जैसा तो यहां कुछ भी नहीं है। कई खाली प्लॉट तो पिग्स का ब्रीडिंग ग्राउंड बन गया है। एक तो सड़कें पहले से ही टूटी-फूटी हैं तो दूसरी ओर सड़कों पर जगह-जगह मलबा पड़ा रहता है। इन सड़कों पर कब कोई चोटिल हो जाए, कुछ पता नहीं रहता है।

-अलका उप्पल

स्ट्रीट लाइट रात में जले न जले, लेकिन दिन में जरूर जलती हैं। वाहनों की स्पीड पर ब्रेक लगाने के लिए सड़कों पर स्पीड ब्रेकर नहीं बने हुए हैं। तेज स्पीड वाहनों की चपेट में कब कौन आ जाए कुछ पता नहीं रहता है। लोकल बसेज तो अनियंत्रित होकर चलती हैं।

-कंचन अरोड़ा

सीनियर सिटीजन यदि अपने एरिया के अंदर वॉक करना भी चाहें, तो नहीं कर सकते हैं। गलियों में घूम रहे पिग्स, डॉग्स अटैक करने के लिए तैयार रहते हैं। इसके अलावा सड़कों में इतने गड्ढे हैं कि सीनियर सिटीजन के गिरने का डर बना रहता है।

-विमी पराशर  

आज से करीबन 16 साल पहले जब हम यहां पर आए थे तो तब यहां का माहौल बहुत अच्छा था, लेकिन आज यहां रहना मुश्किल हो गया है। दिन ब दिन इंदिरा नगर की कंडीशन खराब होती जा रही है। अब तो किसी कोने से यह पॉश कॉलोनी कहलाने लायक नहीं रहा।

-स्नेहलता

पॉश एरिया होने के बावजूद यहां पर सिक्योरिटी के कोई इंतजाम नहीं हैं। कोई भी आसानी से यहां आ-जा सकता है। कूड़ा लेने के लिए नगर निगम की गाड़ी भी वीक में एक-दो बार ही आती है। इस कारण घर में कूड़े का ढेर लग जाता है।

-सुमन वर्मा

इंदिरा नगर में प्रॉब्लम्स ही प्रॉब्लम्स है। सड़क के बीचोंबीच स्थित बिजली के पोल यहां की सबसे बड़ी प्रोब्लम है। इसी संबंध में एसोसिएशन की नेक्स्ट वीक एक मीटिंग की जाएगी। इसमें डिसाइड किया जाएगा कि किस तरह से स्थानीय लोगों को प्रॉब्लम्स से छुटकारा दिलाया जाए।

-एलपी जुयाल, सचिव, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, इंदिरा नगर

इंदिरा नगर में इंदरेश नगर से पिग्स आए हैं। पुलिसकर्मियों से कहकर यहां से इन्हें हटवाया जा रहा है। कॉलोनी की टूटी-फूटी सड़कों को रिपेयर करने के लिए एमडीडीए से बात की जा रही है। जलानिगम के पास डीवीडब्ल्यूएम कंपनी का डस्टबीन रखा हुआ है, लेकिन नियमित उठान नहीं होने के कारण वहां पर कूड़े का ढेर लगा रहता है।

-मीरा कठैत, पार्षद, वार्ड-51