- नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा गया है प्रस्ताव

- कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सिविल एंक्लेव का किया निरीक्षण

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PRAYAGRAJ: संगम नगरी का नाम इलाहाबाद से प्रयागराज हो गया है तो अब कटहुला में बन रहे नए सिविल एंक्लेव का नाम भी प्रयागराज सिविल एंक्लेव किए जाने का प्रस्ताव नागरिक उड्डयन मंत्रालय भेजा गया है। बुधवार को निर्माणाधीन सिविल एंक्लेव का निरीक्षण करने पहुंचे प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अधिकारियों से बातचीत में यह जानकारी दी। निर्माणाधीन सिविल एंक्लेव का नाम चंद्रशेखर आजाद सिविल एंक्लेव और पं। दीन दयाल उपाध्याय सिविल एंक्लेव किए जाने की भी आवाज उठाई जा चुकी है।

बाहर से बुलाएं कर्मचारी

कैबिनेट मंत्री ने कटहुला में निर्माणाधीन सिविल एंक्लेव का निरीक्षण कर चल रहे निर्माण कार्य को देखा। टाटा कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि निर्माणाधीन सिविल एंक्लेव का काम 15 नवंबर तक पूरा होना था, लेकिन फेस्टिवल सीजन में कर्मचारियों की कमी से काम थोड़ा डिले हो रहा है। अब पंद्रह नवंबर तक काम पूरा कर पाना मुश्किल है। पंद्रह दिन का अतिरिक्त समय मांगा गया। कैबिनेट मंत्री ने 15 दिनों के लिए दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल से लेबर मंगाकर काम पूरा कराने को कहा।

रास्ता बहुत खराब है

सिविल एंक्लेव का निर्माण अब अंतिम स्टेज में है, लेकिन नए एयरपोर्ट तक पहुंचने का रास्ता अभी तैयार नहीं हो सका है। कैबिनेट मंत्री ने माना कि रास्ता बहुत खराब है। झलवा से एयरपोर्ट तक के चार किलोमीटर रास्ते में लाइट के खंभे की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह में सभी 13 फ्लाइट प्रयागराज से शुरू हो जाएंगे।

मुआवजा देने की बात कही

एसडीएम ने बताया कि बीएसएनएल और बिजली के तारों को हटाने के लिए 69 लाख का मुआवजा देना है। कुछ मकान के विस्थापन हेतु 113 लाख का मुआवजा भी देना है। नागरिक उड्डयन विभाग ने इसे जारी करने की बात कही। रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत आने वाले दिनों में इलाहाबाद से कई प्रमुख शहर जैसे बंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, मुंबई, गोरखपुर, देहरादून, पुणे, जयपुर, कोलकाता के लिए हवाई सेवा शुरू होगी।