- डीएम के आदेशों के स्टेडियम में लगे नए आर्चरी टारगेट

- पिछले एक हफ्ते से खिलाडि़यों को रही थी परेशानी

- खिलाडि़यों को गालियां देने का मामला दबा

Meerut : डीएम के सामने मामला संज्ञान में आने के बाद दो दिनों के अंदर स्टेडियम के अंदर नए आर्चरी टारगेट सेट कर दिए गए हैं। जिससे खिलाडि़यों की कुछ समस्या का समाधान हुआ है। कुछ मुद्दों का समाधान अभी तक नहीं हो सका है। जी हां, बच्चों को खुलेआम गालियां देने वाले मामले में खिलाडि़यों में अभी तक रोष है। डर सिर्फ इतना है कि अगर जूनियर प्लेयर खुलकर डीएम या कमिश्नर से शिकायत करते हैं तो उनका स्टेडियम में आना बंद न हो जाए।

स्टेडियम में लगे टारगेट

पिछले हफ्ते आर्चरी टारगेट जलने के बाद डीएम के कहने के पर नए टारगेट की व्यवस्था कर दी गई है। उन्हें स्टेडियम में लगा भी दिए गए हैं। इन टारगेट्स को खेल प्रोत्साहन राशि द्वारा लगवाए गए हैं। अधिकारियों की मानें तो अब बच्चे ठीक से प्रैक्टिस कर सकेंगे। वहीं नए टारगेट्स लगने के बाद संडे को प्रैक्टिस करने वाले प्लेयर्स की संख्या में इजाफा हुआ है।

गालियां देने का मामला दबा

भले ही एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से बच्चों के आर्चरी टारगेट लगा दिए हों, लेकिन प्लेयर्स खुलेआम गालियां देने की बात भूले नहीं हैं। प्लेयर्स का कहना है आरएसओ सर ने जिस तरह से उन्हें गालियां दी थी वो आज भी हमारे कानों में गूंज रही हैं। डर ये है कि अगर हम डीएम या कमिश्नर के पास शिकायत लेकर जाएंगे तो उनका स्टेडियम आना बंद भी हो सकता है। खिलाडि़यों ने कहा कि मीडिया रिपो‌र्ट्स में रोज आ रहा है। इस बारे में अधिकारियों को खुद एक्शन लेना चाहिए। वहीं गालियां देने वाले में हर कोई अधिकारी दबाना चाहता है।

दी थी गालियां, जले थे टारगेट

पिछले हफ्ते मंगलवार देर रात कैलाश प्रकाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में आर्चरी टारगेट्स को जला दिए गए थे। जब सुबह बच्चे स्टेडियम पहुंचे और आरएसओ से कहा तो उन्होंने खिलाडि़यों को गालियां देकर स्टेडियम से बाहर कर दिया। बच्चों ने आरोप लगाया था कि इस बात की जांच किए बिना हमें ही आरएसओ ने गालियां दी। बाद में कई उल्टी सीधी बात की।

खेल प्रोत्साहन राशि के माध्यम से स्टेडियम में बच्चों के लिए आर्चरी टारगेट्स लगा दिए गए हैं। बच्चों को गालियां देने का मामला दबा नहीं है। जांच कराई जाएगी।

- पंकज यादव, डीएम, मेरठ