इस्टॉल करने का प्रोसेस शुरु
रिम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ हेमंत कुमार राय ने बताया कि सुपरस्पेशियलिटी विंग में कैथलेब इस्टॉल करने का प्रोसेस चल रहा है। ओल्ड कैथलैब भी यहीं शिफ्ट हो रहा है। इसे इस्टॉल करने में करीब चार सप्ताह लगेगा। डॉ हेमंत बताते हैैं कि अपोलो हॉस्पिटल में दो कैथ लेब हों, जबकि रिम्स में फिलहाल एक कैथ लैब है। यहां न्यू कैथलैब इस्टॉल होने के बाद हार्ट पेशेंट्स का बेटर ट्रीटमेंट हो सकेगा.  हार्ट डिजीज के बढ़ रहे केसेज को देखते हुए न्यू कैथलैब की जरूरत यहां है। रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी विंग में न्यू कैथलैब को इस्टॉल करने में करीब 3.50 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यहां पहले से जो कैथलैब रन कर रहा है, उसे 18 सितंबर 2008 में इस्टॉल किया गया था। यह कैथलैब एक्सियोन डीएफसी कंपनी का है और इसपर 3.30 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।