RANCHI: रिम्स सुपरस्पेशियलिटी में अब मरीजों के इलाज के साथ ही नए कोर्स शुरू करने की भी तैयारी की जा रही है। इसके तहत सुपरस्पेशियलिटी में किए जा रहे इलाज को कोर्स में शामिल किया जाएगा, जिसका फायदा रिम्स में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को मिलेगा। वहीं स्टूडेंट्स एमबीबीएस करने के बाद स्पेशलिस्ट का भी कोर्स रिम्स से ही कर सकेंगे। रिम्स की गवर्निग बॉडी की मीटिंग में दो विभागों को डीएम एमसीएच शुरू करने की मंजूरी भी मिल चुकी है। वहीं डायरेक्टर अन्य विभागों के डीएम एमसीएच की भी तैयारी में जुट गए हैं।

स्पेशियलिटी क्लीनिक से शुरुआत

हॉस्पिटल में एक जनवरी से स्पेशियलिटी क्लीनिक की शुरुआत हो चुकी है। जहां पर स्पेशल डिजीज से ग्रसित मरीज इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं। यह सुपरस्पेशियलिटी को अपग्रेड करने का पहला कदम है। इसके बाद स्पेशियलिटी में कोर्स को भी शामिल कर लिया जाएगा, जिससे कि डॉक्टर तो अपग्रेड होंगे ही, स्टूडेंट्स भी स्पेशलिस्ट बनेंगे।

रिम्स में चल रहे हैं 30 विभाग

सुपरस्पेशियलिटी के लिए एम्स में 42 डिपार्टमेंट हैं, जहां पर अलग-अलग विभागों में देशभर से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। ऐसे में स्पेशियलिटी के लिए भी 32 विभागों का होना जरूरी है। फिलहाल रिम्स में 30 विभाग रन कर रहे हैं। ऐसे में दो और विभागों के चालू होने के बाद स्पेशियलिटी की कैटेगरी में रिम्स आ जाएगा। गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज शुरू हो पाएगा।

वर्जन

स्पेशियलिटी की सुविधाएं देने का हमारा प्रयास है। चूंकि इलाज के लिए झारखंड, बिहार के अलावा अन्य जगहों से भी मरीज आते हैं। क्लीनिक से हमने एक शुरुआत की है। जिसका फायदा हमें डिपार्टमेंट शुरू करने में मिलेगा। इसके बाद सब डिवीजन भी खोलने की योजना है ताकि हर तरह की बीमारी का इलाज रिम्स में ही हो। जिससे कि मरीजों को कहीं और जाने की जरूरत ही न पड़े।

डॉ। डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स