- शासन ने नए बीटीसी कालेजों के एनओसी मामलों के लिए जारी किए निर्देश

- परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर होगी नए कालेजों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देने की जिम्मेदारी

ALLAHABAD: सूबे में नए बीटीसी कालेजों को अब एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की होगी। इसके लिए शासन की ओर से मंजूरी मिल गई है। शासन की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी होने के बाद इस प्रक्रिया पर कार्य भी शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक ये जिम्मेदारी मंडलायुक्त के पास थी। शासन ने ये आदेश एससीईआरटी के उस सिफारिश को मंजूर करते हुए दिया, जिसमें एससीईआरटी की ओर से परीक्षा नियामक प्राधिकारी को एनओसी देने का अधिकार देने की बात कही गई थी। इस बारे में रजिस्ट्रार परीक्षाएं नवल किशोर ने बताया कि शासन से इस आशय में मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद एनओसी का इंतजार कर रहे प्राइवेट बीटीसी कालेजों को शीघ्र ही एनओएसी मिल जाएगी।

क्भ्0 नए बीटीसी कालेजों को मिलना है एनओसी

सूबे में एनओसी प्राप्त करने के लिए तकरीबन क्भ्0 नए बीटीसी कालेजों ने अप्लाई किया है। बीटीसी कोर्स संचालित करने के इच्छुक कालेजों को एनओसी हासिल करने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एनसीटीई से मान्यता लेनी पड़ती है। कालेजों को एनसीटीई से मान्यता मिलने के बाद राज्य सरकार उन्हें संबद्धता देती है, जिसके बाद ही वे अपने यहां कोर्सेज संचालित कर सकते हैं। गौरतलब है कि एनसीटीई ने कुछ अरसा पहले व्यवस्था में बदलाव करते हुए शिक्षण प्रशिक्षण से जुड़े संस्थाओं को एनओसी जारी करने का अधिकार संबंधित विवि के रजिस्ट्रार और एससीईआरटी को देने का दिशा-निर्देश जारी किया था। एनसीटीई के दिशा-निर्देश के आधार पर ही एससीईआरटी ने शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसमें बीटीसी कालेजों को एनओसी जारी करने का अधिकार एससीईआरटी के अधीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी को देने की सिफारिश की गई थी।