LUCKNOW:

योगी सरकार का छह माह का कार्यकाल पूरा होने पर उद्योग मंत्री सतीश महाना ने प्रदेश में 5664 करोड़ रुपये का निवेश होने का दावा किया। आश्वासन दिया कि अब प्रदेश में उद्योग लगाने पर निश्चित समय सीमा में सारी आवश्यक स्वीकृतियां विभागों द्वारा उद्यमियों को प्रदान की जाएंगी। उद्यमियों की सभी समस्याओं के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के अंडर में सिंगल विंडो क्लीयरेंस विभाग में सचिव और एक विशेष सचिव रैंक के अधिकारी उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण करेंगे। साथ ही नोएडा में 150 इंडस्ट्रीयल प्लॉट लकी ड्रॉ के जरिए आवंटित किए जाएंगे ताकि कोई भ्रष्टाचार न हो सके। उद्योग मंत्री बुधवार को विधानभवन के तिलक हॉल में पत्रकारों के सामने सरकार की उपलब्धियों को बखान कर रहे थे।

 

जनहित गारंटी एक्ट में होगा बदलाव

प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार जनहित गारंटी एक्ट में कुछ नए प्रावधान शामिल करेगी ताकि तय समय सीमा में हर विभाग से स्वीकृतियां मिल सके। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार बनने के बाद देश और विदेश के उद्यमी यूपी में निवेश करने के लिए आगे आ रहे हैं। सैमसंग ने नोएडा में 4915 करोड़, संडीला में ग्रीन प्लाई ने 375 करोड़ और इंटेक्स ने 374 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। वहीं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 2500 एकड़ में इंडस्ट्री डेवलप करने के लिए सरकार इंडस्ट्रीयल कलस्टर डेवलप करेगी। वहीं दूसरी ओर अलग-अलग औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में कुल 5,000 एकड़ जमीन का लैंडबैंक तैयार किया जाएगा। इसके तहत लीडा में 100 एकड़, ग्रेटर नोएडा में 1000 एकड़, यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी पर 585 एकड़ का लैंड बैंक शामिल हैं।

 

लकी ड्रॉ से मिलेंगे प्लॉट

महाना ने बताया कि नोएडा में इंडस्ट्रीयल प्लॉट का आवंटन अब लकी ड्रॉ से होगा। दीवाली से पहले नोएडा के सेक्टर 155 में प्लॉट आवंटन के लिए लकी ड्रॉ निकाले जाएंगे। भविष्य में भी सरकार लकी ड्रॉ के जरिए प्लॉट देगी। वहीं लंबे समय से इंडस्ट्री न लगाने वाले उद्यमियों के प्लॉट्स का आवंटन दिसंबर के बाद रद्द कर दिया जाएगा। खाली प्लॉट्स के मालिकों को नोटिस भेजी गई है। 31 दिसंबर तक जो उद्योग लगाने की कवायद शुरू नहीं करेगा, उनका आवंटन रद्द कर उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को प्लॉटों का आवंटन किया जाएगा। इस दौरान आईआईडीसी अनूप चंद्र पांडे, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक सिन्हा, सचिव अलकनंदा दयाल समेत इंडस्ट्री विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे।