-रॉयल भूटान आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल ने ली पासिंग आउट परेड की सलामी

GAYA/PATNA: ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में शनिवार को 165 जेंटलमैन कैडेट ट्रेनिंग पूरा कर सेना में अधिकारी बन गए। शानदार पासिंग आउट परेड का प्रदर्शन किया गया। यह 14वीं पासिंग परेड थी। ट्रेनिंग लेने वालों में 3 भूटान के हैं। इस तरह 168 जेंटलमैन कैडेटों ने प्रशिक्षण पूरा किया। स्पेशल कमीशन ऑफिसर में असम रायफल के 19 कैडेट भी प्रशिक्षण पूरा कर अधिकारी बने। वहीं, टेक्निकल एंट्री स्कीम के 97 जेंटलमैन कैडेटों ने एक वर्षीय बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा किया। वे अब तकनीकी शिक्षा के लिए देश के अन्य सैन्य तकनीकी संस्थानों में जाएंगे।

गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया

एक वर्षीय कोर्स पूरा करने वाले जेंटलमैन कैडेट मिलिट्री कॉलेज इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकनिकल इंजीनिय¨रग सिकंदराबाद, मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन इंजीनिय¨रग मऊ और कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनिय¨रग पुणे से इंजीनिय¨रग में स्नातक डिग्री के लिए गए हैं। ओटीए के राजव‌र्द्धन ग्राउंड में आयोजित पासिंग आउट परेड के मुख्य अतिथि रॉयल भूटान आर्मी के मुख्य ऑपरेशन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बात् त्शे¨रग को कैडेटों ने सलामी दी। उनका स्वागत आर्मी ट्रेनिंग कमान के लेफ्टिनेंट जनरल पीसी थिम्मिया ने किया। उन्होंने परेड स्थल पर सैन्य वैभव से परिपूर्ण सुसज्जित बग्घी पर परेड का निरीक्षण किया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इससे पहले परेड का निरीक्षण मुख्य अतिथि एवं गया ओटीए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव ने किया। परेड के शुभारंभ में कैडेटों ने निरीक्षण अधिकारी को सैन्य सैल्यूट दिया। उसके बाद एक शानदार मार्चपास्ट करते हुए सलामी दी।

मां बोलीं, देश की सेवा करते रहना

उत्तराखंड के पिथोरागढ़ स्थित गंगोलीहाट तहसील के हनेरा निवासी पंडित दिनेश जोशी के द्वितीय पुत्र भूपेंद्र जोशी स्पेशल कमीशन सैन्य अधिकारी बन गए। पासिंग आउट परेड में उनके परिवार के सदस्य इस पल के साक्षी बने। पिता जल निगम में अधिकारी हैं। बड़े भाई की दवा की दुकान है। भूपेंद्र बताते हैं कि दादा व परिवार की प्रेरणा से सेना में अधिकारी बन उनके सपने को पूरा कर सका। मामा चंद्रा जोशी की आंखें खुशी से छलक आई हैं। वे कहती हैं, मेरा बेटा जीवन में प्रतिदिन हर ऊंचाई को छू कर आगे बढ़े। वह भारत मां की सेवा में लगा रहे। पूरे परिवार को इसका गर्व है कि वह सैन्य अधिकारी बना है।

पिता हैं किसान बेटा करेंगे सरहद की सेवा

बक्सर के केशोपुर निवासी अंजनी के पिता मनमोहन मिश्रा किसान हैं। बेटे को इस काबिल बनाया कि अब वह एक अधिकारी के रूप में देश की सरहद की रक्षा कर सके। अंजनी कुमार मिश्र को स्वर्ण पदक दिया गया है।