- मेयर की मुहिम को एनजीटी ने दिया करारा झटका

- कोर्ट ने जताई नाराजगी, नगर निगम के रवैए को बताया 'अन्यायपूर्ण'

BAREILLY:

रजऊ परसपुर लैंडफिल साइट (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट)को फरीदपुर ले जाने की मेयर की मुहिम को फ्राइडे को करारा झटका लगा। बरेली के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर सुनवाई करते हुए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को नई जगह ले जाने की कवायद को अन्यायपूर्ण करार दिया। कहा कि जनता के करोड़ों रुपयों का दुरुपयोग कर नगर निगम लाल फीताशाही कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि 'हम आश्चर्यचकित हैं कि लैंडफिल साइट के लिए दूसरी जगह तलाशी जा रही है। इसमें ाी आी दो वर्ष और लगेंगे.'

एनजीटी ने निर्देश दिया कि नगर निगम ने रजऊ परसपुर लैंडफिल साइट की कमियों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए, इस पर एक विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करें। अब मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।

एनजीटी कहा कि 30 मई 2014 को पारित आदेश में उसने उत्तर प्रदेश सरकार को लैंडफिल साइट की कमियों को दूर करने को कहा था। तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद इस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया है। बता दें कि एनजीटी बरेली नगर निगम की सीमा में जेनरेट होने वाले हजारों टन कचरे के हैंडलिंग और निस्तारण के सबंध में विस्तृत एक्शन प्लान उपलध कराने का आदेश दे चुका है।

इसलिए बंद हो गया प्लांट

एनजीटी ने वर्ष 2014 में सॉलिड वेस्ट मैंनेजमेंट प्लांट बंद करने का आदेश दिया था, जिसके बाद नगर निगम सुप्रीम कोर्ट चला गया था, जहां से उसे प्लांट चलाने का स्टे मिल गया था। केस सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग चल रहा है। वहीं, दूसरी ओर एनजीटी ने ग्रीन बेल्ट, ड्रेनेज सिस्टम, लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य शर्तों का पालन करने के आदेश आदेश दिए थे। नगर निगम ने ग्रीन बेल्ट और ड्रेनेज सिस्टम ठीक कर लिया, लेकिन लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट (प्लांट निकलने वाला गाढ़ा कीचड़ जैसा वेस्ट को साफ करने वाला प्लांट) नहीं लगा। इसके बाद प्लांट चला रही निजी कंपनी काम बंद कर ाग गई। ं एक वर्ष बाद नए सिरे से टेंडर हुआ और ठेका हरी-ारी कंपनी को मिला। शर्त राी गई कि कंपनी प्लांट संचालन से पहले शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को सफल करके दिखाए। दूसरी ओर, बाकरगंज ट्रेंचिंग ग्राउंड मामले में अलग सुनवाई एनजीटी में चल रही है।