मैथिलीशरण गुप्त की जयंती पर होने वाले कवि सम्मेलन में तीन साल प्रस्तुति देने वालों को इस बार नहीं मिलेगा मौका

ALLAHABAD: हिन्दी और उर्दू साहित्य के सबसे बड़े केन्द्र हिन्दुस्तानी एकेडेमी हर वर्ष तीन अगस्त को राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती कवि दिवस के रूप में मनाता है। एकेडेमी इस बार नई व्यवस्था करने जा रहा है। इस बार होने वाले कवि सम्मेलन में तीन वर्षो से काव्य पाठ करने वाले रचनाकारों को रिपीट नहीं किया जाएगा। अब रोस्टर लागू करते हुए नए रचनाकारों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है।

1987 में पड़ी थी नींव

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जयंती कवि दिवस के रूप में मनाने की परंपरा का श्रीगणेश 1987 में हुआ था। तब एकेडेमी के अध्यक्ष डॉ। राम कुमार वर्मा और सचिव डॉ। जगदीश गुप्ता के प्रयास से रचनाकारों को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया गया और सम्मानित करने की परंपरा भी शुरू की गई।

स्क्रीनिंग के बाद तय होंगे नाम

एकेडेमी प्रशासन की ओर से रोस्टर लागू करने के साथ ही रचनाकारों को शामिल करने से पहले उनकी योग्यता की स्क्रीनिंग का भी फैसला लिया गया है। यही वजह है कि इस समय एकेडेमी में नए रचनाकारों को शार्ट लिस्ट करने का काम चल रहा है।

कवि दिवस पर होने वाले कवि सम्मेलन के लिए रोस्टर लागू किया गया है। जिन्होंने लगातार तीन बार कविता पाठ किया है उन्हें अब आमंत्रित नहीं किया जाएगा। यह निर्णय उभरते रचनाकारों की योग्यता का आकलन और उन्हें मौका देने के उद्देश्य से लिया गया है।

रविनंदन सिंह, कोषाध्यक्ष, हिन्दुस्तानी एकेडेमी