newsroom@inext.co.in

KANPUR: एक ही परिवार के लोग इसके लिए कई बार अलग-अलग पार्टियों का चुनाव कर लेते हैं। मंगलवार को ऐसा ही कुछ पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा के साथ देखने को मिला। बीजेपी ने उनका टिकट काटा तो वह कांग्रेस से जुड़ गए और लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरे हैं। वहीं उनकी पत्नी पूनम सिन्हा ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।

शत्रुघ्न सिन्हा-पूनम सिन्हा

अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा लंबे समय से बीजेपी से जुड़े हुए थे। लेकिन इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया। उसके बाद शत्रुघ्न ने कांग्रेस ज्वाइन की और पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, उनकी पत्नी पूनम सिन्हा ने सपा का दामन थाम लिया है। बताया जा रहा है कि वह लखनऊ से राजनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।

ज्योतिरादित्य-वसुंधरा

ग्वालियर के सिंधिया परिवार से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और उन्हें मध्य प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया है। वहीं, उनकी बुआ वसुंधरा राजे बीजेपी में हैं और वह राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वसुंधरा राजे अटलजी के कार्यकाल में मंत्री पद पर थीं। बुआ-भतीजे के बीच राजनीतिक विचारधारा का काफी अंतर दिखता हैं।

रीवा जडेजा-अनिरुद्ध सिंह

क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रीवा करणी सेना से जुड़ी हुईं थीं। हाल ही में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली। रविंद्र जडेजा की पत्नी के बीजेपी से जुडऩे के बाद उनके पिता अनिरुद्ध सिंह और बहन नैनाबा कांग्रेस पार्टी से जुड़ गईं। जाहिर है इससे जडेजा का परिवार दो अलग विचारधाराओं में बंटा हुआ नजर आ रहा है, लेकिन स्टार ऑलराउंडर ने साफ कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करेंगे।

राजीव शुक्ला- अनुराधा प्रसाद

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में राजीव शुक्ला की गिनती की जाती है। इनकी पत्नी अनुराधा प्रसाद अभी तक राजनीति से दूर हैं। लेकिन इनके भाई रविशंकर प्रसाद बीजेपी की राजनीति में सक्रिय हैं। वहीं मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। राजनीतिक गलियारे में राजीव-रविशंकर की जोड़ी काफी चर्चा में रहती हैं।

जानें कितनी संपत्ति के मालिक हैं राजनाथ सिंह, 5 सालों में दो करोड़ का इजाफासचिन पायलट- फारूक अब्दुल्ला

कांग्रेस के नेता राजेश पायलट के लड़के सचिन पायलट ने जब नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा से शादी करने की बात अपने घर में की तो उसका जबरदस्त विरोध हुआ। सारा को भी इस शादी के लिए अपने परिवार से इजाजत नहीं मिली क्योंकि फारूक अब्दुल्ला को डर था कि इसका नेशनल कांफ्रेंस के लिए गंभीर राजनीतिक परिणाम होंगे। विरोध के बाद भी सचिन और सारा ने जनवरी 2004 में विवाह कर लिया। फारूक अब्दुल्ला और उनका परिवार इस शादी में शामिल नहीं हुए थे।