निगम और अनुबंधित बसों ने नई दरों पर वूसला किराया

Meerut। रूट डायवर्जन के कारण रोडवेज द्वारा दिल्ली से मेरठ आने वाली निगम और अनुबंधित बसों में बढ़ाया गया किराया रविवार से लागू हो गया। एक तरफ रोडवेज के आला अधिकारी रूट बदलवाने के प्रयास के दावे करते रह गए और दूसरी तरफ बसों की ईटीएम मशीनों में नए रूट का सॉफ्टवेयर अपडेट कर दिया गया। कुल-मिलाकर अब दिल्ली से मेरठ आने वाले रोजमर्रा के यात्रियों को अब यह सफर काफी महंगा पड़ने वाला है।

एक घंटे में 20 मिनट का सफर

दरअसल, रोडवेज बसों को परतापुर से वाया रोहटा और कंकरखेड़ा होते हुए भैंसाली डिपो में भेजा जा रहा है। जिसकी वजह से बसों को करीब 10 किमी अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। इस अतिरिक्त चक्कर का बोझ यात्रियों की जेब से वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं परतापुर तिराहे से भैंसाली डिपो तक पहुंचने में पहले 20 मिनट तक लगते थे लेकिन अब बस एक घंटे बाद शहर के अंदर डिपो तक पहुंच रही है। जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।

परतापुर तिराहे का टिकट

बढे़ हुए किराए से बचने और अपना समय बचाने के लिए यात्री मेरठ के आउटर परतापुर तक का टिकट ही कटा रहे हैं। हालांकि परतापुर तिराहे से शहर के अंदर आने के लिए ऑटो व ई-रिक्शा चालक भी यात्रियों से 10 से 15 रूपये तक वसूल रहे हैं। ऐसे में घंटाघर तक आने वाले यात्रियों को यह सफर भी मंहगा पड़ रहा है।

हमारा प्रयास है टै्रफिक पुलिस इस मामले में विचार कर किसी अन्य रूट को बतौर विकल्प चयनित करें। लेकिन अभी किसी अन्य रूट पर सहमति नहीं बन पा रही है।

नीरज सक्सेना, आरएम, रोडवेज

गाजियाबाद से आने में आठ रूपये ज्यादा देने पडे़ हैं। पहले 52 रूपये का टिकट था और अब इसके 60 रूपये लिए जा रहे हैं।

दिलशाद

परतापुर से ऑटो व ई-रिक्शा शहर के अंदर तक आने में बहुत समय लेते हैं। इतना समय तो मोदीनगर से मेरठ आने में नहीं लगता।

शहजाद

टिकट पहले के मुकाबले अचानक महंगा हो गया है। अब रोडवेज एमएसटी के शुल्क में भी वृद्धि करेगा। जिसका सीधा बोझ हम लोगों की जेब पर पड़ेगा।

अर्जुन