- जलकल और जलमूल्य के बोझ से मिलेगी राहत

- मेयर ने 2011 का स्लैब रेट खत्म कर नया बिल जारी करने का दिया आदेश

- पार्षद शिवसेवक सिंह व अन्य पार्षदों के विरोध पर मेयर ने लिया निर्णय

ALLAHABAD:

अगर सब ठीक रहा तो नए साल में शहरियों को जलकर और जल मूल्य के भारी भरकम बोझ से राहत मिलेगा। जलकल को टैक्स देने वाले 52 परसेंट लोगों पर ही टैक्स का भार डालने और पुराने स्लैब रेट से वसूली किए जाने का मंगलवार को पार्षदों ने जमकर विरोध जताया। जिसे गंभीरता से लेते हुए मेयर अभिलाषा गुप्ता ने जीएम जलकल को 2011 से लागू पुराना स्लैब रेट खत्म कर नया स्लैब रेट लागू करते हुए 2014-15 से नया बिल जारी करने का आदेश भी दिया।

52 परसेंट लोगों पर ही बोझ क्यों

मंगलवार को पार्षद शिवसेवक सिंह के नेतृत्व में पार्षद चंद्रभूषण सिंह, कुसुमलता गुप्ता, अहमद अली, रजिया बेगम, अकीलुर्रहमान, आदि पार्षदों ने मेयर अभिलाषा गुप्ता को ज्ञापन सौंप कर आवासीय भवन स्वामियों पर जलमूल्य और जलकर का बिल पुराने स्लैब रेट के आधार पर भेजे जाने पर विरोध जताया। कहा कि पुराने स्लैब रेट के आधार पर एरियर के साथ बिल भेजा जा रहा है। जिसे सदन में प्रस्ताव पारित कर खत्म किया जा चुका है। ऐसा क्यों है?

महंगा पड़ रहा था स्लैब

पार्षदों ने कहा कि सदन में पुराने स्लैब रेट 0 से 360, 360 से 2000 वर्ग फीट की जगह प्रथम चरण में 0 से 3000 वर्ग फीट और द्वितीय चरण में 3000 से 4000 व 4000 से 5000 वर्ग फीट को शामिल किया गया है। जिससे तीन हजार वर्ग फीट के मकान मालिक को अधिकतम 981 रुपए ही टैक्स देना पड़ेगा। जो अभी एरियर व पुराने स्लैब रेट के साथ काफी महंगा पड़ रहा है। जिसे गंभीरता से लेते हुए मेयर ने 2011 से लगाए गए स्लैब रेट और एरियर को खत्म कर 2014-15 से जलकर व जलमूल्य का नया बिल जारी करने का आदेश दिया।