- एलयू में एकेडमिक काउंसिल की बैठक

- सभी विभागों के यूजी का नया सिलेबस पास

LUCKNOW :

एलयू में ग्रेजुएशन में इस साल से सेमेस्टर सिस्टम लागू करने को एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही एकेडमिक काउंसिल ने सभी अंडर ग्रेजुएट यूजी कोर्सेस में इस साल से नया सिलेबस लागू करने को भी संस्तुति प्रदान की है। हालांकि नए सिलेबस का कुछ प्रोफेसर्स ने विरोध भी किया है। जिसका कोई खास असर कमेटी पर नहीं पड़ा। एलयू वीसी प्रो। एसपी सिंह की ओर से पहली बार एकेडमिक काउंसिल की ओपन बैठक मालवीय सभागार में कराई गई। बैठक में जहां आ‌र्ट्स, साइंस और कॉमर्स में प्रोफेसरों ने विरोध किया तो वहीं लॉ, यूनानी और एजुकेशन का सिलेबस बिना विरोध के पास हो गया। बीए, बीएससी और बीकॉम में सेमेस्टर सिस्टम इस बार से लागू किया गया है इसलिए इसमें ही ज्यादा विरोध रहा।

100 अंक का वाइवा सही नहीं

बैठक में तय किया गया कि बीकॉम में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के बाद विभाग की ओर से बीकॉम के लास्ट सेमेस्टर में 100 मा‌र्क्स का वाइवा शामिल किया जाए। तर्क दिया गया कि दूसरी यूनिवर्सिटी में वाइवा लिया जाता है। लेकिन वीसी ने इस पर आपत्ति जताई कि वाइवा की कोई जरूरत नहीं है। कॉमर्स के प्रो। अवधेश त्रिपाठी ने कहा कि बीकॉम के बाद स्टूडेंट्स डायरेक्ट जॉब मार्केट में जाते हैं इसलिए वाइवा बेहतर रहेगा। इस पर वीसी ने कि अब सभी पेपर में बीस अंक के इंटरर्नल शामिल किये गए हैं। ऐसे में विभाग हर पेपर में पांच मा‌र्क्स का वाइवा शामिल कर सकता है। ऐसे में 100 मा‌र्क्स का वाइवा अलग से शामिल करना सही नहीं।

प्रैक्टिकल एक सेमेस्टर में ही

साइंस में बीएससी के सिलेबस के दौरान एक सेमेस्टर में प्रैक्टिकल कराने पर आपत्ति जताई गई। जियोलॉजी के प्रो। विभूति राय ने कहा कि हम पैलेंटियोलॉजी पढ़ाते हैं तो साथ में उसका प्रैक्टिकल भी कराते हैं। जबकि वर्तमान व्यवस्था में तो प्रैक्टिकल छह महीने बाद कराएंगे तो स्टूडेंट्स भूल जाएंगे। साथ ही यूजीसी ने भी प्रैक्टिकल साथ में कराने को कहा है ऐसे में नैक में दिक्कत आ सकती है। इस पर वीसी ने तर्क दिया कि अब तक हम प्रैटिकल साल में एक बार ही कराते रहे हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि प्रैटिकल का वर्कलोड कम हो। बीएससी के तीन साल के बच्चे एक साथ प्रैक्टिकल करते हैं तो लैब भी भरी रहती है। अब की व्यवस्था में जिस सेमेस्टर में फ‌र्स्ट इयर के स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल करेंगे तो उस सेमेस्टर में सेकेंड व थर्ड इयर के नहीं करेंगे। अगले सेमेस्टर में सेकेंड और थर्ड इयर वाले करेंगे और फ‌र्स्ट इयर वाले नहीं करेंगे।

एजेंडा न देने पर हुए खफा

आ‌र्ट्स के सिलेबस के दौरान प्रो। बालक दास ने कहा कि काउंसिल की बैठक हो रही है लेकिन किसी भी सदस्य को इस बार एजेंडा नहीं दिया गया। जब एजेंडा दिया जाता तो प्रोफेसर पढ़ कर आते उस पर सवाल भी हो सकते थे। जब एजेंडा ही नहीं मिला तो जो भी है स्वेच्छा से पास हो रहा है।

कुछ ऐसा होगा यूजी सिलेबस

एकेडमिक काउंसिल के बाद बीए, बीएससी और बीकॉम का फॉर्मेट अब एक हो गया है। इसके तहत तीनों ही कोर्सेज में तीन साल में छह सेमेस्टर होंगे और हर सेमेस्टर में छह पेपर पढ़ाए जाएंगे। पेपर में इंटरनल मा‌र्क्स भी शामिल किये गए हैं। इसके तहत 80 मा‌र्क्स का थ्योरी पेपर होगा और बीस मा‌र्क्स का इंटरर्नल। इसमें दस मा‌र्क्स का प्रोजेक्ट वर्क होगा, 5 मा‌र्क्स का प्रेजेंटेशन और 5 मा‌र्क्स स्टूडेंट्स की अटेंडेंस और बिहैवियर पर दिये जाएंगे।