छह माह से खडे़ हैं नए ट्रैक्टर और कूड़ा कलेक्शन वाहन

Meerut। शहर की सफाई के लिए निगम के पास प्लानिंग और बजट का भले ही कोई अभाव न हो, लेकिन मैन पॉवर की कमी निगम के अभियान में बड़ी बाधा बनी हुई है जिस कारण से निगम चाहकर भी शहर को गंदगी व कूड़ा मुक्त नही कर पा रहा है। इसी का नतीजा है कि निगम के पास कूड़ा समस्या के निस्तारण के लिए वाहनों की तो कतार है, लेकिन उन्हें चलाने वाले कर्मचारियों के अभाव में वाहन डिपो में खडे़-खडे़ धूल फांक रहे हैं। इस बाबत नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। कुंवर सेन ने बताया कि चालकों की भर्ती के लिए प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी नई भर्ती होने में समय लगेगा।

80 चालकों की दरकार

निगम के आंकड़ों पर नजर डालें तो छह माह पहले शहर की सफाई के लिए निगम ने करीब 90 डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वाहन, 22 ट्रैक्टर, 3 जेसीबी, 17 ट्राली, 1 सीवर जेट मशीन, 4 पोर्कलेन मशीनों की खरीद की थी। इन वाहनों की खरीद तो हो गई लेकिन इनके चालकों की कमी के चलते अभी तक 50 प्रतिशत से अधिक वाहन निगम के डिपो में धूल फांक रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए नई टाटा ऐस और ट्रैक्टर की है।

जंग खा रहे वाहन

चालकों की कमी के चलते पिछले तीन माह से अधिक समय से निगम के डिपो में करीब 40 से अधिक टाटा ऐस और 22 के करीब ट्रैक्टर धूल फांक रहे हैं। इन गाडि़यों को शहर के 90 वार्डो में सफाई के लिए लगाना था लेकिन चालकों के अभाव में शहर के वार्डो से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन प्रभावित हो रहा है। चालकों की कमी के चलते अभी शहर के केवल 20 वार्डो से कूड़ा कलेक्शन हो रहा है। वहीं ट्रैक्टर ना चलने के कारण वार्डो का कूड़ा उठाने तक में परेशानी हो रही है।